गोड्डा: अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट की 2×800 मेगावाट में से 800 मेगावाट की पहली इकाई ने बांग्लादेश को 748 मेगावाट बिजली की आपूर्ति शुरू कर दी है। यह लिक्विड फ्यूल से उत्पन्न महंगी बिजली की जगह लेगा और खरीदी गई बिजली की औसत लागत को कम करेगा। गोड्डा पावर, बांग्लादेश के उद्योगों को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
झारखंड जिले के गोड्डा में अपनी पहली 800 मेगावाट की अल्ट्रा-सुपर-क्रिटिकल थर्मल पावर जनरेशन यूनिट के चालू होने की घोषणा की है और 748 मेगावाट बिजली के साथ बांग्लादेश की आपूर्ति शुरू कर दी है। गोड्डा से आपूर्ति की जाने वाली बिजली पड़ोसी देश की स्थिति में काफी सुधार करेगी जैसे कि यह लिक्विड फ्यूल से उत्पन्न महंगी बिजली की जगह लेगी, जिससे खरीदी गई बिजली की औसत लागत में कमी आएगी।
अदाणी पावर लिमिटेड के सीईओ एसबी. ख्यालिया ने कहा कि गोड्डा पावर प्लांट भारत-बांग्लादेश के लंबे समय से चले आ रहे संबंधों में एक रणनीतिक संपत्ति की तरह है। यह बांग्लादेश में बिजली की आपूर्ति को आसान करेगा, जिससे इसके उद्योग और इकोसिस्टम अधिक प्रतिस्पर्धी बनेंगे। यह भारत और पूरे दक्षिण-पूर्व क्षेत्र में स्थापित सबसे कुशल और पर्यावरण के अनुकूल थर्मल पावर प्लांट होने जा रहा है और दुनिया में सर्वश्रेष्ठ श्रेणी में से एक है। यह देश का पहला पावर प्लांट है, जिसने 100 प्रतिशत फ्लू गैस डीसल्फराइजेशन (एफजीडी), एससीआर और जीरो वाटर डिस्चार्ज के साथ पहले दिन से ही अपना ऑपरेशन शुरू कर दिया है।”
नवंबर 2017 में, बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड (बीपीडीबी) ने गोड्डा में 2X800 मेगावाट अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल पावर प्रोजेक्ट से 1,496 मेगावाट नेट क्षमता वाली बिजली खरीदने के लिए, एपीएल की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, अदाणी पावर झारखंड लिमिटेड (एपीजेएल) के साथ एक लॉन्ग टर्म पावर परचेज एग्रीमेंट (पीपीए) पूरा किया है। प्राइवेट सेक्टर में भारत के सबसे बड़े बिजली उत्पादक के जल्द ही अपनी दूसरी 800 मेगावाट यूनिट शुरू करने की उम्मीद है।
यहां ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है कि बांग्लादेश में भारतीय उपमहाद्वीप क्षेत्र में सबसे बड़ा लिक्विड फ्यूल आधारित बिजली उत्पादन प्लांट है। हेवी फ्यूल ऑयल (एचएफओ) आधारित प्लांट्स की स्थापित क्षमता लगभग 6,329 मेगावाट और हाई-स्पीड डीजल (एचएसडी) आधारित प्लांट्स की कुल क्षमता लगभग 1,290 मेगावाट है, जो कुल मिलाकर 7,600 मेगावाट से अधिक है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए बीपीडीबी की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, एचएफओ आधारित प्लांट्स का कुल टैरिफ लगभग बीडीटी 22.10/केडब्ल्यूएच (यूएससी 21/केडब्ल्यूएच) है और एचएसडी आधारित पावर प्लांट्स का कुल टैरिफ लगभग बीडीटी 154.11/केडब्ल्यूएच (यूएससी 149/केडब्ल्यूएच) है, जो गोड्डा पावर प्लांट (ऊर्जा लागत लगभग 9 सेंट/केडब्ल्यूएच होने का अनुमान) के टैरिफ से कहीं अधिक है। हालांकि वर्तमान में, बांग्लादेश के तीन अन्य आयातित कोयला आधारित जनरेटर के साथ लॉन्ग टर्म पीपीए संबंध हैं, गोड्डा टीपीपी का कुल टैरिफ अन्य समकक्षों की तुलना में प्रतिस्पर्धी है।
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शुक्रवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में एपीएल की घोषणा के अनुसार, “यह सूचित किया जाता है कि झारखंड के गोड्डा जिले में स्थित अदाणी पावर (झारखंड) लिमिटेड (“एपीजेएल”) की 2×800 मेगावाट की अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल पावर परियोजना की 800 मेगावाट क्षमता की यूनिट 1 ने कमर्शियल ऑपरेशन शुरू कर दिया है। अदाणी पावर लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एपीजेएल, बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड को यूनिट 1 से 748 मेगावाट की नेट क्षमता के लिए 25 साल के पावर परचेज एग्रीमेंट (“पीपीए”) के तहत बिजली की आपूर्ति करेगी। उपरोक्त के मुताबिक, एपीजेएल ने 6 अप्रैल, 2023 से पीपीए के तहत अपने दावों को प्रोसेस करना शुरू कर दिया है।
गोड्डा पावर प्लांट में दुनिया में उपलब्ध लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के दो यूनिट शामिल हैं, जो कोयले और पानी के उत्सर्जन और खपत को नियंत्रित करने के लिए लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के साथ “अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल टेक्नोलॉजी” है। उत्सर्जन को कम करने और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफ) के नए पर्यावरण मानदंडों को पूरा करने के लिए प्लांट में फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन (एफजीडी) और सेलेक्टिव कैटेलिटिक रिडक्शन (एससीआर) स्थापित किए गए हैं।
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