नर्मदापुरम: सूर्य की आराधना का महापर्व मकर संक्राति उत्सव इस साल दो दिन मनाया जाएगा। 14 और 15 जनवरी को नर्मदा स्नान होगा। लेकिन पारंपरिक रूप से 14 जनवरी को मकर संक्रांति मनाने वाले श्रद्धालु बड़ी संख्या में नर्मदा स्नान के लिए विभिन्न घाटों पर पहुंचने लगे हैं। कोहरे के बावजूद स्नान का सिलसिला शनिवार सुबह पांच बजे से शुरू हो गया है। वहीं, शाम को मां नर्मदा की महाआरती की जाएगी।
परंपरागत रूप से मकर संक्रांति पर्व को 14 जनवरी को मनाते हुए स्नान, दान, देव पूजन किया जाता रहा है। इसी मान्यता के चलते कुछ लोग 14 जनवरी को संक्रांति पर्व मना रहे है। शनिवार तड़के 5 बजे से श्रद्धालु नर्मदा स्नान करने पहुंचे। 2 दिन तक संक्रांति के स्नान का सिलसिला जारी रहेगा। धर्मशास्त्रीय मान्यता के अनुसार 14 जनवरी को रात्रि 8.50 बजे सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा। इसलिए 15 जनवरी रविवार को मकर संक्रांति का पुण्य पर्वकाल होगा। जिसमें मुख्य स्नान होगा।
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पंडित गोपाल प्रसाद खड्डर के अनुसार मकर संक्रांति के दिन सुबह तीर्थ नदियों में स्नान व तिल से बने पकवान, कंबल, ऊनी वस्त्र, चावल-मूंग की दाल आदि वस्तुओं के दान का विशेष महत्व है। जीवनदायिनी मां नर्मदा करने हजारों की संख्या में श्रद्धालु स्नान करने के लिए पहुंचेंगे। नर्मदा स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने सेठानी घाट, विवेकानंद, पर्यटन, कोरी घाट, सर्किट हाउस घाटों पर सुरक्षा के इंतजाम किए हैं। होमगार्ड, पुलिस और राजस्व की टीमें सुबह से ही तैनात हैं। इसी प्रकार जिलेभर के नर्मदा घाटों पर सुरक्षा के इंतजाम किए गए है।
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