Tuesday, December 17, 2024
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डिप्टी सीएम बोले- एलजी ने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की फिनलैंड में प्रस्तावित ट्रेनिंग पर लगाई रोक

Deputy CM Manish Sisodio

नई दिल्ली: उपराज्यपाल ने शिक्षा निदेशालय के प्राइमरी-इंचार्जों व टीचर एजुकेटर्स के फिनलैंड में प्रस्तावित ट्रेनिंग पर रोक लगाई है और कहा गया है कि शिक्षा निदेशालय पिछले सालों में हुए फॉरेन एक्सपोज़र ट्रेनिंग का कास्ट-बेनिफिट विश्लेषण मुहैया करवाए।

एलजी द्वारा इस आपत्ति के जवाब में उपमुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि, एलजी द्वारा हमारे शिक्षकों की फॉरेन एक्सपोजर ट्रेनिंग पर रोक लगाना दिल्ली के एजुकेशन मॉडल पर हमला करना है। उन्होंने कहा कि जिस दिल्ली एजुकेशन मॉडल ने पूरे विश्व में भारत को गौरवान्वित करने का काम किया है, उस एजुकेशन मॉडल को और शानदार बनाने में मदद करने के बजाय एलजी उसके अनूठे पहलों को रोकने का काम कर रहे है ये बेहद शर्मनाक है।

मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने भी ट्वीट करते हुए कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को हम विदेशों में ट्रेनिंग के लिए भेजते रहे हैं। दिल्ली की शिक्षा क्रांति में इसका बड़ा योगदान रहा है। इन्हें विदेशों में ट्रेनिंग के लिए जाने से रोकना ठीक नहीं है।

सिसोदिया ने कहा कि इसकी बदौलत आज दिल्ली सरकार के स्कूलों का बोर्ड रिजल्ट 99.6 प्रतिशत आ रहा है। हमारे स्कूलों से निकले बच्चों का सैकड़ों की संख्या में आईआईटी, मेडिकल संस्थानों में दाखिला हो रहा है। आज एक गरीब परिवार का बच्चा भी दिल्ली सरकार के स्कूलों से निकलकर देश के बेहतरीन उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिला ले पा रहा है।

उन्होंने कहा कि एलजी साहब का कहना है कि इन ट्रेनिंग का कोई औचित्य नहीं है और उन्होंने एससीईआरटी को इसका कास्ट-बेनिफिट विश्लेषण मांगा है। वह एलजी साहब से पूछना चाहता हूँ कि इन ट्रेनिंग का कास्ट-बेनिफिट विश्लेषण कैसे किया जाता है ? क्या इन ट्रेनिंग के बाद दिल्ली सरकार के स्कूलों में आये बदलाव, वहां बना शिक्षा का शानदार माहौल, बोर्ड परीक्षाओं में हमारे बच्चों के शानदार रिजल्ट, दिल्ली सरकार के स्कूलों पर पैरेंट्स का बढ़ता भरोसा इन ट्रेनिंग की नतीजा नहीं है? उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल द्वारा इन ट्रेनिंग पर रोक पूरी तरह शिक्षा पर प्रहार है।

उल्लेखनीय है कि एससीईआरटी दिल्ली ने दिल्ली सरकार के स्कूलों के प्राइमरी इंचार्जों और एससीईआरटी के टीचर एजुकेटर्स के लिए फिनलैंड के ‘ज्यवास्काइला यूनिवर्सिटी’ में 5 दिनों के ट्रेनिंग कार्यक्रम का प्रस्ताव तैयार किया। जैवस्काइला यूनिवर्सिटी फ़िनलैंड का शीर्ष विश्वविद्यालय है और उत्कृष्टता का एक अंतरराष्ट्रीय केंद्र है व 2019 की अकादमिक रैंकिंग में दुनिया के शीर्ष 40 विश्वविद्यालयों में शामिल है।

फिनलैंड का एजुकेशन सिस्टम दुनिया भर में सबसे सम्मानित और अग्रणी एजुकेशन सिस्टम में से एक है। एससीईआरटी द्वारा यहां दिसंबर 2022 और मार्च 2023 में 30 प्राइमरी इंचार्जों के दो समूहों को भेजने की योजना बनाई है। इसके तहत एससीईआरटी ने अपनी वार्षिक योजना में एक बजट प्रावधान किया है और इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के लिए एससीईआरटी को दिल्ली सरकार द्वारा ग्रांट दिया गया है।

अपने विभिन्न फॉरेन एक्सपोजर विजिट/ ट्रेनिंग के माध्यम से केजरीवाल सरकार अबतक अपने 1079 शिक्षकों को विभिन्न देशों में भेज चुकी है। इनमें 59 शिक्षक फिनलैंड, 420 शिक्षक कैंब्रिज व 600 शिक्षक सिंगापुर में ट्रेनिंग के लिए जा चुके है। इसके अलावा अब तक 860 स्कूल प्रिंसिपल्स आई आई एम अहमदाबाद और लखनऊ जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में ट्रेनिंग ले चुके हैं।

उल्लेखनीय है कि सैद्धांतिक सहमति और एडमिनिस्ट्रेटिव अप्रूवल की फाइल 25 अक्टूबर 2022 को एलजी ऑफिस को मिली थी। उन्होंने 10 नवंबर 2022 को तीन स्पष्टीकरण/आपत्तियां मांगते हुए फाइल मुख्य सचिव को लौटा दी। एससीईआरटी दिल्ली ने उन बिंदुओं को स्पष्ट किया और 14 दिसंबर 2022 को एलजी कार्यालय में फाइल दोबारा जमा की। इसके बाद एलजी दो और स्पष्टीकरण मांगते हैं और 9 जनवरी 2023 को फाइल सीएम को लौटा देते हैं। यह दिखाता है कि किस प्रकार उपराज्यपाल द्वारा अब दिल्ली सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे अनूठे पहलों को रोकने का प्रयास किया जा रहा है।

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