जोशीमठ: उत्तराखंड के जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव के दृष्टिगत गुरुवार को दो असुरक्षित होटलों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू की, लेकिन नाराज लोगों ने इसका विरोध किया, जिन्हें पुलिस बल ने वहां हटा दिया। हालांकि बारिश के कारण इस कार्रवाई को रोकना पड़ा। इसके साथ ही जिला प्रशासन ने अब तक 169 परिवारों के 589 व्यक्तियों को विभिन्न ठिकानों पर अस्थायी रूप से विस्थापित कर चुकी है।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीमों ने आज दोपहर बाद होटल मलारी इन और माउंट व्यू के ऊपर रखे टैंकों को हटाया लेकिन बारिश ने इसमें खलल डाल दिया। इस कार्रवाई का नाराज लोगों ने विरोध किया। पुलिस ने उन्हें समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन जब वे नहीं माने तो उन्हें पुलिस बल ने वहां से हटा कर बैरीकेड लगा दिए। आज एक-दो अन्य होटलों में भी दरारें देखी गई हैं। मौसम ठीक रहा तो टीम शुक्रवार से फिर से इन होटलों को गिराने की कार्रवाई शुरू करेगी। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण चमोली की जारी दैनिक रिपोर्ट के अनुसार जोशीमठ नगर क्षेत्र के 9 वार्ड में 760 प्रभावित भवनों को अभी तक चिन्हित किया गया है, जिसमें से 128 भवनों को असुरक्षित जोन के अंतर्गत रखा गया है। सुरक्षा की दृष्टि से अब तक 169 परिवारों के 589 व्यक्तियों को विभिन्न ठिकानों पर अस्थायी रूप से विस्थापित किया जा चुका है।
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जिला प्रशासन ने जोशीमठ नगर क्षेत्र के अंतर्गत निवास करने योग्य अस्थायी राहत शिविरों के रूप में 51 भवनों के 344 कक्षों का चिह्नीकरण कर लिया गया है, जिसमें 1425 व्यक्तियों को ठहराया जा सकता है। नगर पालिका क्षेत्र जोशीमठ के बाहर पीपलकोटी में अस्थायी राहत शिविरों के रूप में 20 भवनों के 491 कमरों को चयनित किया गया है, जिसमे कुल 2205 लोगों को ठहराया जा सकेगा।
राहत कार्यों के तहत जिला प्रशासन ने अब तक 73 परिवारों को 5 हजार रुपये की दर से कुल 3 लाख 65 हजार रुपये की धनराशि आवश्यक दैनिक घरेलू सामग्री क्रय करने हेतु वितरित की जा चुकी है। जबकि तीक्ष्ण/पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त 10 भवन स्वामियों को 1 लाख 30 हजार रुपये की दर से कुल 13 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है। इसके अलावा मकान किराया, विशेष पुनर्वास पैकेज व समान ढुलाई को कुल 87 व्यक्तियों को विभिन्न रूप से आर्थिक सहायता दी गई है।
प्रभावितों को अबतक 101 खाद्यान्न किट, 212 कंबल व 650 लीटर दूध का वितरण राहत सामग्री के रूप में किया जा चुका है इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग निरंतर प्रभावितों का स्वास्थ्य परीक्षण कर रहा है। इसके तहत राहत शिविरों में रह रहे 183 से अधिक लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा चुका है। जिला मजिस्ट्रेट हिमांशु खुराना द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 33 व 34 का प्रयोग करते हुए नगर क्षेत्र अंतर्गत वार्ड संख्या 1, 4, 5 व 7 के अंतर्गत आने वाले अधिकांश क्षेत्रों को असुरक्षित घोषित करते हुए इन वार्डों को खाली करवाया जा रहा है।
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