शिमला: हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले तीन बार के सांसद सुरेश चंदेल मंगलवार को भगवा पार्टी में फिर से शामिल हो गए है। वह 2019 में बीजेपी को छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए थे। बता दें, वह 2005 में एक स्टिंग ऑपरेशन में पकड़े गए थे, जब उन्होंने भाजपा सदस्य के रूप में लोकसभा में हमीरपुर का प्रतिनिधित्व किया था। चंदेल हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के बिलासपुर जिले से आते हैं।
चंदेल सांसद अनुराग ठाकुर के खिलाफ लड़ना चाहते थे चुनाव
62 वर्षीय चंदेल मौजूदा भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर के खिलाफ हमीरपुर से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में लड़ना चाहते थे। लेकिन चुनावी मैदान में उतरने को लेकर तत्कालीन पार्टी प्रमुख राहुल गांधी ने मना कर दिया था। वह नड्डा और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की मौजूदगी में फिर से भगवा पार्टी में शामिल हो गए। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में चंदेल ने लिखा कि उन्होंने कांग्रेस और पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। चंदेल सहित 11 सांसदों को सदन में सवाल उठाने के लिए धन स्वीकार करने के लिए 23 दिसंबर, 2005 को संसद से निष्कासित कर दिया गया था।
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चंदेल का है वोट बैंक
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि चंदेल बिलासपुर और आसपास के जिलों में जन आधार के साथ एक साधारण राजनेता हैं। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने आईएएनएस से कहा, चंदेल को एक दागी राजनेता मानना गलत है। उनके लो प्रोफाइल और समाज सेवा के कारण उनका वोट बैंक है। चंदेल, जिन्होंने कैश-फॉर-क्वेरी घोटाले के बाद पहली बार भाजपा के उम्मीदवार के रूप में 2012 का विधानसभा चुनाव लड़ा था, डेढ़ दशक से अधिक समय से इस क्षेत्र में काफी सक्रिय हैं। हिमाचल प्रदेश में 68 विधानसभा सीटों के लिए नवम्बर में मतदान होने की सम्भावना है।
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