Friday, November 15, 2024
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बुनकरों की जिंदगी बदल रही योगी सरकार की ऋण योजना, लाभ लेने में झांसी अव्वल

झांसी : योगी सरकार हथकरघा बुनकरों के विकास के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है। हथकरघा वस्त्र उद्योग को बढ़ावा देने के लिए ऋण योजना भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। इस योजना का लाभ लेने में प्रदेशभर में झांसी मंडल के हथकरघा बुनकर आगे हैं।

योगी सरकार हथकरघा वस्त्र उद्योग को बढ़ाने के लिए तमाम प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हमेशा से ही संघर्षरत बुनकरों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए कई बार अधिकारियों को निर्देशित कर चुके हैं। ऐसे में अधिकारी बुनकरों के बीच जाकर विभिन्न योजनाओं का प्रचार प्रसार कर रहे हैं। इसी का परिणाम है कि योजना का लाभ लेने में झांसी मंडल काफी आगे है।

41 बुनकर योजना का उठा चुके हैं लाभ

परिक्षेत्रीय सहायक आयुक्त हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग डॉक्टर उत्तीर्ण वीर सिंह ने बताया कि बुनकरों को वित्तीय वर्ष 2022-23 के बीते 4 माह में 41 हथकरघा बुनकरों को 20 लाख 50 हजार का ऋण विभिन्न बैंकों के माध्यम से दिला दिया गया है। वहीं 17 बुनकरों की फाइल अंतिम चरणों में है। वित्तीय वर्ष 2021- 22 में 241 बुनकरों की लोन फाइल बैंकों द्वारा स्वीकृत हो चुकी है। वहीं 34 बुनकरों को 17 लाख रुपये की धनराशि बैंकों द्वारा दी जा चुकी है।

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उल्लेखनीय है कि, वर्तमान वित्तीय वर्ष में हथकरघा विभाग के अलीगढ़ परिक्षेत्र में 17, इटावा में 12, गोरखपुर में दो, झांसी में 45, कानपुर में तीन, लखनऊ में 31, मेरठ में पांच, मुरादाबाद में छह, प्रयागराज में तीन, वाराणसी में 42 बुनकरों की स्वीकृत फाइल के सापेक्ष 21 बुनकरों को ऋण योजना का लाभ मिल चुका है। अगर अकेले झांसी परिक्षेत्र की बात करें तो 41 बुनकर योजना का लाभ उठा चुके हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि झांसी परिक्षेत्र के बुनकर ऋण योजना का लाभ लेने में सबसे आगे हैं।

परिक्षेत्रीय सहायक आयुक्त हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग डॉ. उत्तीर्ण वीर सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा हथकरघा बुनकरों के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। ऋण योजना भी ऐसी ही योजनाओं में से एक है। विभाग द्वारा पास की गई फाइलों को बैंक बुनकरों को मुद्रा योजना के तहत ऋण देता है। इसके लिए बुनकरों को केवल अपना पहचान पत्र, बुनकर होने का प्रमाणपत्र, आधार कार्ड और हैंडलूम में पंजीकरण का प्रमाण पत्र देना होता है। ऋण स्वीकृति की सभी प्रक्रियाएं केंद्रीयकृत होती हैं। इससे बुनकरों को ऋण के लिए भटकना नहीं पड़ता है। विभाग द्वारा बुनकरों के घर-घर जाकर योजनाओं के बारे में बताया जाता है इसी के चलते सार्थक परिणाम सभी के सामने हैं।

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