Friday, December 27, 2024
spot_img
spot_img
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
Homeप्रदेशकांग्रेस की मांग, मनरेगा की मजदूरी राष्ट्रीय औसत के बराबर करे सरकार

कांग्रेस की मांग, मनरेगा की मजदूरी राष्ट्रीय औसत के बराबर करे सरकार

भोपालः प्रदेश कांग्रेस के मीडिया उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने सरकार से मनरेगा की मजदूरी राष्ट्रीय औसत के बराबर करने की मांग प्रदेश सरकार से की है। उन्होंने गुरुवार को जारी बयान में कहा कि मध्य प्रदेश की सरकार मनरेगा के मजदूरों को देश के 34 राज्यों में सबसे कम मजदूरी का भुगतान करती है। जो विगत वर्ष 193 रुपये प्रति दिवस एवं प्रचलित वर्ष में 204 रुपये प्रति दिवस है। जबकि सिक्किम और निकोबार जैसे छोटे राज्यों में भी मजदूरी की दरें 300 रुपये प्रति दिवस से ज्यादा है।

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि मध्यप्रदेश में निरंतर मनरेगा के मजदूर उपेक्षा के शिकार हैं। मशीनों के द्वारा गुपचुप काम करवाए जाने के कारण 20 प्रतिशत मजदूरों को भी 100 दिवस का गारंटीड रोजगार नहीं मिल पाता है। गुप्ता ने कहा कि मजदूरी की दरें देश में सबसे कम होने के बावजूद प्रदेश सरकार ने 10 सालों से मजदूरी भुगतान को लंबित रखा है। 2019-20 में कमलनाथ की सरकार ने जरूर लंबित भुगतान घटाकर 123 करोड़ पर ला दिया था, किंतु 2020- 21 में फिर से मजदूरों के भुगतान रुकने लगे और आंकड़ा 2020-21 में 233 करोड़ और 2021-22 में बढक़र 249 करोड़ पार कर गया। गुप्ता ने कहा कि प्रदेश सरकार को यह बताना चाहिए कि मजदूरी की दरें न्यूनतम होने के बावजूद लंबित भुगतान का आंकड़ा क्यों बढ़ता जा रहा है?

यह भी पढ़ेंः-Monsoon Session: हेराल्ड हाउस पर ED की कार्रवाई के विरोध में…

गुप्ता ने मांग करते हुए कहा कि सरकार मनरेगा की न्यूनतम मजदूरी को राष्ट्रीय औसत के समतुल्य लाए और विलंबित मजदूरी का तत्काल भुगतान करे। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जब सरकार के पास तनख्वाह बांटने और हवाई जहाज खरीदने के लिए करोड़ों रुपए हैं, तो मजदूरी के छोटे से भुगतान के लिए मनरेगा मजदूरों को क्यों तरसा रही है?

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)

सम्बंधित खबरें
- Advertisment -spot_imgspot_img

सम्बंधित खबरें