नई दिल्लीः बाहरी जिले की स्पेशल स्टॉफ टीम ने एक फरार बलात्कारी को 22 सौ किलोमीटर से ज्यादा पीछा करने के बाद कर्नाटक से गिरफ्तार किया है। आरोपित ने पहले भी कानपुर में पीड़िता पर तेजाब से हमला किया था और उसे सात साल की कैद हुई थी। आरोपित की पहचान कपिल गुप्ता उर्फ आशीष गुप्ता के रूप में हुई है। पुलिस आरोपित से पूछताछ कर रही है।
डीसीपी समीर शर्मा ने मंगलवार को बताया कि बीते 21 मार्च को सुल्तानपुरी थाने में एक महिला ने शिकायत दर्ज करवाई थी। महिला ने पुलिस को बताया कि 13 दिसंबर 2021 में सत्तर गंज, कानपुर यूपी के रहने वाले कपिल गुप्ता उर्फ आशीष गुप्ता जोकि उसका जीजा लगता है। कपिल उसके घर पर आया था। उसके पति और बच्चों पर तेजाब से हमला करने की धमकी देकर उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए।
इसके बाद उसने इसका वीडियो बना लिया और वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी दी। उसे ब्लैकमेल करने के बाद उसने दोबारा उसके साथ कई बार शारीरिक संबंध बनाए। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपित के बारे में जानकारी लेने की कोशिश की। पुलिस टीम ने उसके फोन को सर्विलांस पर लगाकर उसकी लोकेशन पता करने की कोशिश की। पुलिस को शुरुआती जांच में पता चला कि आरोपित कपिल गुप्ता पीड़िता को जानता था।
2005 में आरोपित कपिल गुप्ता ने शिकायतकर्ता पर तेजाब फेंका था। मामले में स्थानीय थाना करनालगंज, कानपुर में धारा 326 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया था। मामले में आरोपित को सात साल की सजा सुनाई गई थी। इस वारदात के बाद पीड़िता की शादी हो गई थी,जो दिल्ली में शिफ्ट हो गई थी। वह अपने ससुराल में पति और बच्चों के साथ रह रही थी। सजा पूरी होने के बाद आरोपित कपिल गुप्ता को जेल से रिहा किया गया।
बाहर आते ही उसने पीड़िता से एक बार फिर से संपर्क किया। 13 दिसंबर 2021 को संपर्क कर कपिल गुप्ता ने उनके घर में जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए और उक्त घटना का वीडियो बना लिया था। मामले की गंभीरता को देखते इंस्पेक्टर अजमेर सिंह के निर्देशन में एएसआई राकेश और हेड कांस्टेबल परवीन को आरोपित को पकड़ने का जिम्मा सौंपा गया।
फरार आरोपी कपिल गुप्ता को पकड़ने के लिए पंजाबी बाग और आरोपितों के अन्य संभावित ठिकानों पर कई छापे मारे गए। उसे गिरफ्तार करने के लिए एक टीम को उसके पैतृक स्थान कानपुर, उत्तर प्रदेश में भी भेजा गया था, लेकिन उसका पता नहीं चल सका क्योंकि उसने अपना मोबाइल फोन बंद कर दिया था। सीडीआर और आईपीडीआर को खंगाला गया। जिसमें चार आईएमईआई नंबरों का पता लगाया गया लेकिन सभी स्विच ऑफ पाए गए।
बाद में इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस ऑन रखते हुए फरार आरोपित कपिल गुप्ता की लोकेशन कर्नाटक के बेंगलुरु में नजर आई। बंगलौर में उसकी उपस्थिति सुनिश्चित करने के बाद, पुलिस टीम ने फरार आरोपित को गिरफ्तार करने के लिए बेंगलुरू में छापा मारा। टीम ने तीन दिन तक अथक प्रयास के बाद आरोपित को पकड़ लिया।
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