कासगंजः वैसे तो सब्जियों की विभिन्न प्रकार के बीज बाजार में उपलब्ध हैं। किसानों को लाभ देते हैं। इन दिनों टमाटर की किस्म हिमसोना किसानों को लाभकारी साबित हो रही है। लगभग तीन माह तक अन्य फसलों के मुकाबले इस फसल का लाभ किसानों को मिल रहा है।
जिले के सिढपुरा विकासखंड क्षेत्र के गांव मगथरा, मनकई, चांदपुर सहित एटा रोड पर स्थित कई ऐसे कई गांव हैं। इन दिनों किसानों को हिमसोना टमाटर आर्थिक रूप से लाभ पहुंचा रहा है। दिसंबर-जनवरी माह में फसल बोई जाती है। इसके बाद लगभग एक माह के अंतराल में ही फल मिलने लगते हैं। हिमसोना किस्म के टमाटर की पैदावार देसी टमाटर की पैदावार से करीब ढाई गुना अधिक होती है। एक बीघा खेत में देसी टमाटर करीब 100 क्रेट निकलता है। जबकि हिमसोना टमाटर 250 से 300 क्रेट तक प्राप्त हो जाता है। बाजार में इसकी कीमत भी उचित मिल जाती है।
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क्या कहते हैं किसान
ग्राम मनकई निवासी युवा किसान गुलशन कुमार का कहना है कि पहली बार की फसल में एक बीघा में 20 से 25 हजार की लागत लगती है। इसके बाद करीब 300 क्रेट टमाटर निकलता है। एक क्रेट में 25 से 28 किलो टमाटर रहता है। इन दिनों बाजार में एक क्रेट टमाटर की कीमत 300 से 400 रुपये मिल रही है। जो मुनाफे का सौदा है। ग्राम नगला खैमी निवासी बुजुर्ग किसान रोशन लाल बताते हैं कि देसी टमाटर के मुकाबले हिमसोना टमाटर की खेती किसानों के लिए लाभकारी है। ढाई से तीन गुना फसल प्राप्त होती है। डेढ़ महीने में बाजार भाव के चलते करीब दो लाख के टमाटर बिक जाते हैं। कासगंज के अलावा फर्रुखाबाद, हाथरस, एटा, बदायूं की मंडी में फसल का अच्छा भाव मिलता है।
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