लखनऊः उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जनपद में शनिवार को सूबे के सबसे लंबे ‘गंगा एक्सप्रेस-वे’ की आधारशिला रखते हुये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की योग्यता और उपयोगिता पर मुहर लगाते हुये एक नया नारा गढ़ा। उन्होंने कहा कि “यूपी प्लस योगी, बहुत है उपयोगी।” मोदी के इस नारे से एक तरफ जहां भाजपा कार्यकर्ता गदगद हो गये। तो वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस नारे पर उत्साहित नजर आये। इस दौरान उन्होंने पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार और सपा के शासन में अपराध एवं अपराधियों के बोल-बाले का जिक्र करते हुये कहा कि जो लोग माफियाओं को संरक्षण देते हैं, वे माफिया की ही भाषा बोलते हैं। किंतु, योगी सरकार ने इन माफियाओं पर नकेल कसने का काम किया है। प्रधानमत्री ने कहा कि यही कारण है कि उत्तर प्रदेश की जनता अब कह रही है, “यूपी प्लस योगी, बहुत है उपयोगी।”
पिछली सरकार पर निशाना साधते हुये कहा कि पहले सूरज डूबते ही कट्टा लहराने वाले अपराधी सड़कों पर आ धमकते थे। पीएम मोदी ने विपक्ष पर निषाना साधते हुए कहा कि योगी के नेतृत्व में सरकार बनने से पहले पश्चिम यूपी में कानून-व्यवस्था की स्थिति से आप भली-भांति परिचित हैं। पहले यहां कहते थे कि ‘दिया बरे तो घर लौट आओ!’ क्योंकि सूरज डूबता था, तो कट्टा लहराने वाले सड़कों पर आ धमकते थे। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में केंद्र और प्रदेश में भाजपा सरकार का लाभ बताते हुये कहा कि डबल इंजन की सरकार का फोकस यूपी के विकास पर है। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र के साथ हम यूपी के विकास के लिए ईमानदारी से प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने पूर्व सरकार पर निशाना साधते हुये कहा कि पांच साल पहले राज्य के कुछ इलाकों को छोड़ दें तो दूसरे शहरों और गांव-देहात में बिजली ढूंढ़े नहीं मिलती थी। डबल इंजन की सरकार ने न सिर्फ यूपी में करीब 80 लाख मुफ्त बिजली के कनेक्शन दिये, बल्कि हर जिले को पहले से कई गुना ज्यादा बिजली दी जा रही है।
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प्रधानमंत्री ने कहा कि यूपी में आज जो आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो रहा है, वो यह दिखाता है कि संसाधनों का सही उपयोग कैसे किया जाता है। पहले जनता के पैसे का क्या-क्या इस्तेमाल हुआ है यह आप लोगों ने भली-भांति देखा है। लेकिन आज उत्तर प्रदेश के पैसे को उत्तर प्रदेश के विकास में लगाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस एक्सप्रेस-वे पर 36 हजार करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं। इससे नये उद्योग और रोजगार भी सृजित होंगे। इतने बड़े राज्य को चलाने के लिये जो काम चाहिए, वह काम डबल इंजन की सरकार कर रही है। उल्लेखनीय है कि गंगा एक्सप्रेस-वे पर 36 हजार करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं। इससे नये उद्योग और रोजगार सृजित होंगे। छह लेन वाला यह एक्सप्रेस-वे मेरठ के बिजौली गांव के निकट से शुरू होकर प्रयागराज के जुदापुर दांडू गांव तक जायेगा। यह परियोजना देश भर में तेज गति से कनेक्टिविटी प्रदान करने संबंधी प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण से प्रेरित है। गंगा एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के 12 जिलों से होकर गुजरेगा, जो राज्य के पश्चिमी और पूर्वी क्षेत्रों को जोड़ेगा। 594 किलोमीटर लंबा गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण में 36,200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत का अनुमान है।
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