Monday, December 16, 2024
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पुण्‍यतिथि विशेषः तो इसलिए आजीवन अविवाहित रहने का लिया था संकल्प…

नई दिल्लीः देश के तीन बार प्रधानमंत्री रहे ‘भारत रत्न’ अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) का 93 वर्ष की आयु में 16 अगस्त 2018 को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। उन्होंने 2005 में ही सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया था। भारतीय राजनीति के भीष्म पितामह को राष्ट्र हमेशा याद करेगा। उनकी अटल आवाज और उनके किये महान कार्य हमेशा राष्ट्र के बीच अमर रहेंगे। आज पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की तीसरी पुण्यतिथि है। दिल्ली में सदैव अटल स्मृति स्थल पर प्रधानमंत्री मोदी ने श्रद्धांजलि दी। राष्ट्रपति समेत कई दूसरे मंत्रियों ने भी नमन किया।

भारतीय राजनीति में छोड़ी अमिट छाप

प्रखर वक्ता रहे वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) ने भारतीय राजनीति में अपने व्यक्तित्व और कृतित्व की अमिट छाप छोड़ी, जिसने भारतीय राजनीति को हमेशा के लिए बदलकर रख दिया। इनमें भारत को परमाणु शक्ति सम्पन्न बनाना, पाकिस्तान से संबंध सुधारने की कोशिश में बस डिप्लोमेसी, कारगिल युद्ध में पाकिस्तान को धूल चटाना, स्वर्णिम चतुर्भुज योजना के साथ-साथ कई दूसरी उपलब्धियां शामिल हैं।

यही नहीं भारतीय जनसंघ के संस्थापकों में शामिल वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) 1968-1973 तक इसके अध्यक्ष रहे। भाजपा के पहले अध्यक्ष रहे वाजपेयी की देशभर में लोकप्रियता का ही नतीजा था कि वे चार दशक तक भारतीय संसद के सदस्य थे। वे इकलौते राजनेता थे, जिन्होंने चार राज्यों की छह लोकसभा क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने उत्तर प्रदेश के लखनऊ, बलरामपुर, गुजरात के गांधीनगर, मध्य प्रदेश के ग्वालियर और विदिशा के साथ दिल्ली की नई दिल्ली संसदीय सीट से चुनावी जीत हासिल की।

आजीवन अविवाहित रहने का लिया संकल्प

कवि हृदय अटल बिहारी वाजपेयी ने राष्ट्रधर्म सहित कई पत्र-पत्रिकाओं का संपादन भी किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लेकर अपना सफर शुरू करने वाले वाजपेयी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से पहले प्रधानमंत्री बने, जिन्होंने गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री के पद पर पांच वर्षों का कार्यकाल पूरा किया। उन्होंने 24 दलों की गठबंधन की सरकार बनायी थी, जिसमें 81 मंत्री थे।

उनकी मुस्कराहट आत्मा के गुणों को दर्शाती थी

अटल जी सदा मुस्कराहट का परिधान पहने रहते थे उनकी मुस्कराहट उनकी आत्मा के गुणों को दर्शाती थी उनकी आत्मा सच में एक पवित्र आत्मा थी जिसे दैवीय शक्ति प्राप्त थी। अटल जी की ईमानदारी, शालीनता, सादगी और सौम्यता हर किसी का दिल जीत लेती थी। उनके जीवन दर्शन और कविताओ ने भारत के युवाओं को एक नई प्रेरणा दी। करोड़ो लोगों के वह रोल मॉडल हैं। भारत के लोकप्रिय प्रधानमंत्री के रूप में देश के आर्थिक विकास और गरीब वर्ग के सामाजिक कल्याण के लिए उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।

भारतीय राजनीति के युगपुरुष थे अटल जी

भारतीय राजनीति के युगपुरुष, श्रेष्ठ राजनीतिज्ञ, कोमलहृदय संवेदनशील मनुष्य, वज्रबाहु राष्ट्रप्रहरी, भारतमाता के सच्चे सपूत, अजातशत्रु पूर्व प्रधानमन्त्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी का 16 अगस्त 2018 को 93 साल की उम्र में निधन हो गया। उनका व्यक्तित्व हिमालय के समान विराट था। अटल जी भारत देश के लोगों के जीवन में अपनी महान उपलब्धियों और अपने विचारों का ऐसा उजाला डाल कर गए हैं जो कि देश के नौजवानों को सदा राह दिखाते रहेंगे।

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