अयोध्याः श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने गर्भगृह स्थल पर नवग्रह के पूजन कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूजित शिलाओं के साथ चांदी के कलश को विधि विधान के साथ स्थापित किया गया। इसके साथ ही श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण की प्रक्रिया एक कदम आगे बढ़ गई है। इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरकार्यवाह भैयाजी जोशी, श्रीराम जन्मभूमि में पूजन में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, ट्रस्ट के सदस्य एवं निर्मोही अखाड़ा के महंत व स्वामी दिनेंद्र दास, ट्रस्ट सदस्य डॉ अनिल मिश्रा, विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह पंकज उपस्थित रहे। कार्यक्रम में कार्यदायी संस्था एलएंडटी, टीसीई और बालाजी टकसन कंपनी के अधिकारी भी मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण में इस समय 300 एमएम की दो लेयर बिछाई जा चुकी हैं और आगे का कार्य किए जाने के लिए आज पूजन किया गया। इस कार्य को तेज गति से बारिश के पहले किया जा सके इसके लिए परिसर में बड़ी मात्रा में वर्कर व मशीनों को लगाया गया है। ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय ने बताया कि पिछले 5 अगस्त, 2020 को देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी ने भूमि पूजन कर श्रीराम मंदिर निर्माण की प्रक्रिया को प्रारम्भ कर दिया था। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर नौ शिलाओं का पूजन पीएम मोदी के करकमलों से हुआ था। वे गर्भ गृह में रखे जाने वाली अन्य सभी चांदी की वस्तुओं का भी पूजन किया था। वे स्वयं अपने साथ से एक कलश लेकर आये थे। वह सारी वस्तुएं उसी समय से एक स्थान पर सुरक्षित रखी गई थी।
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उन्होंने बताया कि समुद्र तल से 91 मीटर ऊंचाई पर अर्थात जिस धरातल पर बैठकर प्रधानमंत्री मोदी और आरएसएस के सरसंघचालक डा. मोहन भागवत ने पूजन किया था। उस तल से लगभग 14 मीटर नीचे गर्भगृह के स्थान पर चारों कोनों में शास्त्रीय विधि से नौ शिलाओं को आज स्थापित किया गया। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही वास्तु विधि के अनुसार स्थापत्य द्वारा निर्धारित अन्य शिलाएं भी रखी गई। गर्भगृह में शिलाओं में शेषनाग, मगरमच्छ, मेढक, मछली, कछुआ, शंख, कलश, त्रिशुल, गद्दा, धनुष, कटार, ध्वज जैसे अन्य शिलाओं को गर्भगृह में स्थापित किया गया।