Thursday, December 19, 2024
spot_img
spot_img
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
Homeप्रदेशकोरोना की तीसरी लहर से बच्चों की सुरक्षा को राजस्थान राज्य बाल...

कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों की सुरक्षा को राजस्थान राज्य बाल संरक्षण आयोग ने शुरू की कवायद

जयपुरः राजस्थान राज्य बाल संरक्षण आयोग ने कोरोना महामारी की संभावित तीसरी लहर से बच्चों की सुरक्षा के लिए आवश्यक सुरक्षात्मक उपाय करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल की ओर से बाल अधिकारिता विभाग के आयुक्त तथा सभी जिला कलक्टरों के नाम गाइडलाइन जारी की गई है। गाइडलाइन में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर अपने चरम पर हैं, जिसने अत्यधिक चिन्ताजनक परिस्थितियां उत्पन्न कर दी है। अब यह अनुमान लगाया जा रहा है कि कोरोना की की तीसरी लहर दस्तक दे सकती है, जिसमें विशेषज्ञों ने बच्चों के चपेट में आने की आशंका जताई गई है। वर्तमान में कोरोना की रोकथाम के लिए टीकाकरण की व्यवस्था बच्चों के लिए नहीं है। ऐसे में बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए अभी से उपाय करने होंगे।

इस संदर्भ में कोरोना की संभावित तीसरी लहर के विनाशकारी परिणामों से बच्चों को बचाने के लिए राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की फुल कमीशन मीटिंग में सुरक्षात्मक उपाय लागू करने का निर्णय किया गया है। आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल के निर्देशानुसार बाल आयोग के सदस्य एवं जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष व सदस्य जिले के शिशु अस्पतालों, सामान्य अस्पतालों के शिशु वार्ड में वेंटीलेटर, ऑक्सीजन, चिकित्सकध्नर्सिंगकर्मी जैसी आधारभूत सुविधाओं का निरीक्षण करेंगें। समस्त जिला कलक्टर को निर्देशित किया गया है कि वे अपने स्तर पर कमेटी गठित कर इन अस्पतालों में बच्चों से संबंधित आधारभूत सुविधाओं की उपलब्धता करें, ताकि यदि बच्चों में संक्रमण की स्थिति उत्पन्न होने पर अस्पतालों में सुविधाओं का अभाव न हो। सभी जिलों में बच्चों से संबंधित सभी संस्थाओं यथा बाल कल्याण समिति, किशोर एवं बालिका गृहों, छात्रावासों आदि में पल्स ऑक्सीमीटर क्रय किए जाए ताकि संक्रमण की स्थिति में बच्चों के गंभीर स्थिति में पहुंचने से पूर्व ही समय पर उचित इलाज मिल सके। सभी जिलों में उपखण्ड, ब्लॉक, ग्राम समिति स्तर पर बच्चों के लिए डेडिकेटेड कोविड सेंटर बनाये जायें, ताकि यदि कोई बच्चा संक्रमित होता है तो उसे वहां भर्ती कर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जा सके एवं सामान्य कोविड सेंटर में अत्यधिक संक्रमण के खतरे से बचाया जा सके। उक्त डेडिकेटेड कोविड सेंटर में ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करवाई जाए।

यह भी पढ़ेंःयूपी में 24 मई तक बढ़ सकता है लाॅकडाउन, मंत्रिपरिषद के…

सभी जिलों में बच्चों से संबंधित सभी संस्थाओं यथा बाल कल्याण समिति, किशोर एवं बालिका गृहों, छात्रावासों आदि में पर्याप्त मात्रा में मास्क एवं सेनिटाईजर की व्यवस्था हो। उक्त संस्थाओं में समय-समय पर बच्चों के कमरों, शौचालयों, रसोईघर आदि स्थानों को सैनेटाइज किया जाये। बच्चों को खाना खाने से पहले हाथ धोने एवं हाथ सैनेटाइज करने के बारे में बताएं। प्रत्येक बच्चे को एक पॉकेट सैनेटाइजर उपलब्ध करवाया जाये ताकि वह जरूरत पडने पर उपयोग कर सके। इन संस्थाओं में आने जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति की कोरोना से संबंधित गंभीरता से जांच हो उसके पश्चात ही उसे अन्दर प्रवेश दिया जाये। इन संस्थाओं में कार्य करने वाले अधिकारी व कर्मचारियों को बिना मास्क प्रवेश ना दिया जाये। बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को अधिक मजबूत करने के लिए उन्हें संतुलित भोजन एवं पौष्टिक खाद्य पदार्थ जैसे हरी सब्जियां, फल इत्यादि उपलब्ध करवाया जाये। बच्चों को उसकी उम्र के हिसाब से वो सभी वैक्सीन्स लगवाएं जो उसे वायरस और बैक्टीरिया के कारण फैलने वाली बीमारियों से बचाएं। बच्चों का सही समय पर और सही तरीके से वैक्सीनेशन कराया जाए। इसका रिकार्ड संधारित किया जाए। बच्चों को मास्क की उपयोगिता के बारे में जानकारी दी जाए। सभी जिलों में बाल कल्याण समिति, किशोर एवं बालिका गृहों, छात्रावासों, आंगनबाड़ी केन्द्रों आदि में समय-समय पर बच्चों का चिकित्सकीय परीक्षण करवाया जाये।

सम्बंधित खबरें
- Advertisment -spot_imgspot_img

सम्बंधित खबरें