लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार ने व्यवसाय की सुगमता के लिए अनुकूल वातावरण बनाया। उसका ही परिणाम है कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में प्रदेश पहले 14वें स्थान पर था, वह आज दूसरे पायदान पर है। उन्होंने कहा कि हमारे चार वर्ष के कार्यकाल का एक वर्ष कोरोना से जूझते हुए बीता है लेकिन इन चार वर्षों के दौरान तीन लाख करोड़ का निजी निवेश उत्तर प्रदेश में हुआ। यहां तक कि कोरोना संक्रमण काल के दौरान भी प्रदेश में सात हजार करोड़ से अधिक का निवेश हुआ है।
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को इण्डिया इकोनॉमिक फोरम के वर्चुअल कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने कहा कि कोरोना काल पूरे देश के लिए चुनौतीपूर्ण रहा। इससे निपटने में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जो सफलताएं अर्जित की गईं, वह पूरे देश के लिए गौरव की बात है। कोरोना प्रबंधन में उत्तर प्रदेश ने गृह मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइन का पालन किया। उसका परिणाम रहा कि कोरोना प्रबंधन हर क्षेत्र में सराहा गया और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इसकी सराहना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते चार वर्ष के दौरान उत्तर प्रदेश में व्यापक परिवर्तन देखने को मिले हैं। वर्ष 2015-16 में प्रदेश की अर्थव्यवस्था देश में छठवें नंबर पर थी। मुझे प्रसन्नता है कि आज प्रदेश की अर्थव्यवस्था देश में दूसरे स्थान पर है। उत्तर प्रदेश अपनी समृद्ध और उर्वरा भूमि के लिए जाना जाता है। हमारे पास पर्याप्त जल संसाधन हैं। हम लोगों ने किसानों को ध्यान में रखकर उस सेक्टर को फोकस किया।
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उन्होंने कहा कि एमएसएमई सेक्टर कम पूंजी में स्वरोजगार का जरिया है। इसके लिए हमने एक जिला एक उत्पाद की अभिनव योजना वर्ष 2018 में प्रारंभ की। इसके बाद रोजगार के सृजन से प्रदेश की छवि में व्यापक सुधार देखने को मिला है। आजादी के बाद से वर्ष 2017 तक प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय करीब 47,000 थी। लेकिन, मुझे बताते हुए प्रसन्नता है कि वर्ष 2017 से 2021 तक प्रति व्यक्ति आय 95,000 तक पहुंचाने में सफलता प्राप्त हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज इंटरस्टेट कनेक्टिविटी और हर जिला मुख्यालय व तहसील को फोर लेन से जोड़ने का कार्य हो रहा है। साथ ही पांच नए एक्सप्रेस-वे के माध्यम से उत्तर प्रदेश की रोड कनेक्टिविटी को बेहतर बनाया जा रहा है।