Sunday, December 29, 2024
spot_img
spot_img
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
Homeटॉप न्यूज़कोलकाता हादसाः सीएम का 10 लाख व नौकरी का आश्वासन, पीएम ने...

कोलकाता हादसाः सीएम का 10 लाख व नौकरी का आश्वासन, पीएम ने भी की मदद की घोषणा

West Bengal, March 08 (ANI): Firefighters try to put out a fire that broke out in a multistory building in Kolkata on Monday. (ANI Photo)

कोलकाताः पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के स्ट्रैंड रोड स्थित पूर्व रेलवे के मुख्यालय में सोमवार शाम लगी आग में झुलसकर नौ लोगों की मौत हो गई। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपये व परिवार के एक सदस्य को नौकरी का आश्वासन दिया है। उन्होंने रेलवे पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया है।

मंगलवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए पीड़ित परिवारों के लिए आर्थिक मदद की घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि रेलवे मुख्यालय में लगी आग में जिन लोगों की भी मौत हुई है उनके परिजनों के प्रति संवेदनाएं हैं। मृतकों के घर वालों को दो लाख रुपये की वित्तीय मदद दी जाएगी। इसके अलावा जो लोग गंभीर रूप से घायल हैं उन्हें इलाज के लिए 50 हजार रुपये की मदद प्रधानमंत्री राहत कोष से मिलेगी।

उधर, केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बयान जारी कर मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की और इस बात की जानकारी दी कि घटनास्थल पर महाप्रबंधक से लेकर शीर्ष स्तर के अधिकारी मौजूद थे। उन्होंने इसकी उच्चस्तरीय जांच के लिए पूर्व रेलवे के चार प्रमुख विभागों के प्रमुखों के नेतृत्व में कमेटी का गठन किया है।

आग पर काबू पाने में लगे 10 घंटे
कोलकाता पुलिस की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि शाम 6:00 बजे के करीब स्ट्रैंड रोड के कोलाघाट में स्थित 13 मंजिला इमारत में बड़ी आग लग गई थी। पूर्व रेलवे की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि सूचना मिलने के आधे घंटे बाद अग्निशमन विभाग की 10 गाड़ियां मौके पर पहुंची। रेलवे के महाप्रबंधक समेत अन्य आला अधिकारी भी मौजूद थे। यहां ड्यूटी कर रहे लोगों को तुरंत निकालने की कोशिश की गई लेकिन रेलवे के डिप्टी चीफ कमर्शियल मैनेजर पार्थसारथी मंडल और उनकी सुरक्षा में तैनात रहने वाले आरपीएफ कर्मी संजय साहनी की मौके पर ही मौत हो गई। यहां फंसे लोगों को निकालने के क्रम में एक और आरपीएफ कर्मी उत्पल आचार्य आग की चपेट में आ गए थे जिन्हें सियालदह के बीआर सिंह अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां उनकी जान चली गई।

आग बुझाने के लिए जब दमकल कर्मी पहुंचे तो उन्होंने बिल्डिंग की लिफ्ट से 12 मंजिल पर लगी आग तक पहुंचने का निर्णय लिया। दावा है कि चारों लिफ्ट में ही फंस गए थे और आग की चपेट में आकर उनकी मौत हो गई। इनकी पहचान गिरीश दे, गौरव बेज, अनिरुद्ध जाना, विमान पुरकायत के तौर पर हुई है। इसके अलावा बद्दी की हेयर स्टाइल थाने के एएसआई अमित भवाल की भी आग की चपेट में आने से मौत हो गयी। कई अन्य दमकलकर्मियों का दम घुट गया जिन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है

राज्य के अग्निशमन मंत्री सुजीत बसु भी मौके पर मौजूद थे। उन्होंने बताया कि करीब 10 घंटे की मशक्कत के बाद सुबह 4:30 बजे के करीब आग पर काबू पाया जा सका है।

इधर, रात 11:15 बजे के करीब घटनास्थल पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहुंचीं। उन्होंने आशंका व्यक्त की थी कि जिन लोगों की मौत हो गई है उनके अलावा दो और लोगों की हालत गंभीर है। सीएम ने कहा कि जिन लोगों की मौत हुई है उनके परिवार को 10 लाख रुपये की वित्तीय मदद राज्य सरकार देगी। इसके अलावा परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने घटना के लिए रेलवे को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि आग लगने के बाद इतना वक्त बीत गया है लेकिन रेलवे का कोई भी यहां नजर नहीं आया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जिस बिल्डिंग में आग लगी है उसका मैप रेलवे से मांगा गया था लेकिन अभीतक वह भी नहीं दिया गया है।

यह भी पढ़ेंः-शराबबंदी के लिए उमा भारती ने खटखटाया पाार्टी संगठन का दरवाजा, अध्यक्ष को लिखा पत्र

अग्निशमन कर्मियों के फैसले पर सवाल

आग लगने के बाद 13वीं मंजिल पर पहुंचने के लिए अग्निशमन कर्मियों द्वारा लिफ्ट का इस्तेमाल किया जाना सवालों के घेरे में है। स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल है कि आग लगने के बाद लिफ्ट का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। लेकिन अग्निशमन कर्मियों द्वारा इस तरह का निर्णय लेना और लिफ्ट के जरिए आग बुझाने उस मंजिल पर पहुंचना जहां आग लगी है यह सवालों के घेरे में है। इसकी भी जांच होगी। रेलवे में प्रधान सुरक्षा अधिकारी जयदीप गुप्ता के नेतृत्व में जांच कमेटी का गठन किया है।

सम्बंधित खबरें
- Advertisment -spot_imgspot_img

सम्बंधित खबरें