निर्मल: जिले के संवेदनशील शहर भाइंसा में रविवार देर रात किसी बात को लेकर दो समुदाय के लोग आमने-सामने आ गये। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच जमकर पत्थरबाजी, चाकूबाजी, मारपीट और आगजनी की कई वारदात हुईं। आगजनी में बड़ी संख्या में दुकानों व प्रतिष्ठानों के अलावा वाहनों को निशाना बनाया गया। इस हिंसा में 20 से भी अधिक लोगों के गंभीर रूप से घायल होने की सूचना है। इनमें चार पुलिस कर्मचारी और तीन पत्रकार शामिल हैं। हिंसा के आरोप में एक सौ से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया और शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है। प्रशासन ने राजनीतिक दलों के नेताओं के शहर में आने पर पाबंदी लगा दी है।
बताया जाता है कि पिछले कई दिन से सोशल मीडिया पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) और भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय नेताओं के बीच बहस चल रही थी। सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो पोस्ट होने के बाद दोनों वर्गों में तनाव बढ़ गया। कल रात एक छोटी सी बात को लेकर दोनों समुदाय के समूह अपने-अपने प्रार्थना स्थल पर जमा हो गये, इसके बाद स्थिति बिगड़ गयी। दोनों समुदायों के लोगों की बहस के बीच अचानक मारपीट शुरू हो गई और देखते ही देखते लोग आगजनी करने लगे। दोनों तरफ से मारपीट और पथराव में 20 से अधिक लोग घायल हुए हैं। घायलों में एक सब इंस्पेक्टर और अन्य तीन को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। हिंसा के दौरान तेलुगु दैनिक ईनाडू, आंध्र ज्योति और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के तीन पत्रकारों को छुरा मारा गया है। आगजनी के दौरान जिसके चलते कई वाहनों और दुकानों को आग लगा दी गई। सूचना मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची लेकिन देर तक हिंसा पर काबू नहीं पा सकी। स्थिति पर काबू पाने के लिए क्षेत्र में रविवार देर रात से कर्फ्यू लगा दिया गया है।
पुलिस अधीक्षक विष्णु सहित जिले के कई उच्च अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए। देर रात में ही शहर के संवेदनशील इलाकों में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। शहर का इंटरनेट नेटवर्क भी बंद कर दिया गया। जिले में भाजपा और एआईएमआईएम के नेताओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।
सोमवार को एक पुलिस अधिकारी ने बताया है कि हिंसा और उपद्रव करने के आरोप में एक सौ से अधिक दंगाइयों को हिरासत में ले लिया है। उन्होंने बताया कि सीसीटीवी की फुटेज की जांच की जा रही है। इसमें चिन्हित दोषियों को गिरफ्तार किया जायेगा।
भाजपा ने राज्य सरकार पर लगाया तुष्टीकरण का आरोप
भारतीय जनता पाटी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष करीमनगर के सांसद बंडी संजय ने निर्मल जिले में हुई हिंसा को लेकर सरकार की कार्य शैली पर सवाल उठाये हैं। उन्होंने कहा कि हिंसा के दौरान पत्रकारों व पुलिसकर्मियों को भी निशाना बनाया गया है। इस हिंसा के लिए उन्होंने राज्य सरकार को दोषी बताते हुए पूछा कि क्या भइंसा पाकिस्तान में है। पुलिस उपद्रवियों पर काबू नहीं पा सकी।
भाजपा अध्यक्ष इस घटना की निंदा करते कहा कि राज्य सरकार एक वर्ग के लिए तुष्टीकरण की राजनीति कर रही है। इसीलिए भाइंसा में इस प्रकार के सांप्रदायिक दंगे हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन दंगों की जिम्मेदारी राज्य सरकार को ही लेना होगा।
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भाजपा विधायक दल के नेता राजा सिंह ने भइंसा में हुए दंगों पर चिता जताते हुए मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव व गृह मंत्री महमूद अली से तुरंत ही अतिरिक्त पुलिस बल भेजकर दंगों पर नियंत्रण करने की मांग की है। राजा सिंह ने कहा कि एक छोटी सी दुर्घटना को लेकर सांप्रदायिकता का रूप देकर हिन्दुओं के घरों पर हमले करना कौन सी रीति है। उन्होंने प्रश्न किया कि संवेदनशील इलाका होने के बावजूद पुलिस क्या कर रही है? उन्होंने कहा कि स्थानीय पत्रकारों पर भी चाकू से हमला किया गया, आखिरकार कानून-व्यवस्था है या नहीं।