Friday, January 3, 2025
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किसानों की ट्रैक्टर रैली पर दखल नहीं देगा सुप्रीम कोर्ट, टिकैत बोले- होकर रहेगी रैली

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली पर रोक लगाने की मांग वाली दिल्ली पुलिस की अर्जी पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। चीफ जस्टिस एसए बोब्डे की अध्यक्षता वाली बेंच ने बुधवार को कहा कि रैली की इजाजत दी जाए या नहीं यह तय करने का काम पुलिस का है। कोर्ट ने कृषि कानूनों पर विचार करने के लिए बनाई गई कमेटी के एक सदस्य भूपिंदर सिंह मान के हटने के बाद किसी नए व्यक्ति को सदस्य बनाने के लिए किसान संगठनों को नोटिस जारी किया है।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलीलों की शुरुआत करते हुए कहा कि मामले की सुनवाई 25 जनवरी को करें। तब चीफ जस्टिस ने मेहता से कहा कि हम पहले ही कह चुके हैं ये मामला पुलिस का है। हम इस मामले में कोई आदेश नही देंगे,अथॉरिटी के तौर पर आप आदेश जारी करें। तुषार मेहता ने कहा कि आप अर्जी को लंबित रखें। तब चीफ जस्टिस ने कहा कि नहीं, आप अपनी अर्जी को वापस लें। एक किसान यूनियन ने कोर्ट में बहस कर कमेटी के सदस्यों के बारे में पक्ष रहना चाहा। तब चीफ जस्टिस ने कहा कि दवे के मुव्वकिल ने कमेटी के बनने से पहले ही कमेटी के सामने न जाने का फैसला किया था। आप कौन हैं। प्रशांत भूषण ने कहा कि दवे और वो आठ किसान यूनियनों की तरफ से पेश हो रहे हैं। दवे ने कहा कि किसान महापंचायत प्रदर्शनकारी यूनियन में से नहीं है। चीफ जस्टिस ने दवे से पूछा कि पिछली सुनवाई में आपने कहा था कि आप आदेश जारी न करें हम पूछ कर बताएंगे। दवे ने कहा कि हम अगले दिन पेश नहीं हुए थे जिस दिन आदेश पारित हुए थे। चीफ जस्टिस ने कहा कि ये सही नहीं है। चीफ जस्टिस ने कहा कि आपको पेश होना चहिए। अगर कोई मामला आदेश के लिए लिस्टेड है तो पार्टी पेश नहीं होगी। प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि किसान संगठन जिनकी तरफ से हम पेश हो रहे हैं वो कमेटी के समक्ष पेश नहीं होंगे।

दिल्ली पुलिस की ओर से ट्रैक्टर रैली पर रोक लगाने की मांग वाली केंद्र सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली में कौन आएगा और कौन नहीं, ये पुलिस तय करेगी। हम पहली अथॉरिटी नहीं है। केंद्र सरकार ने अपनी याचिका में कहा है कि देश को पूरी दुनिया में अपमानित करना विरोध करने के अधिकार में शामिल नहीं किया जा सकता है। केंद्र सरकार ने किसी भी प्रकार के मार्च को प्रतिबंधित करने की मांग की है।

उल्लेखनीय है कि पिछली 12 जनवरी को कोर्ट ने तीनों कृषि कानूनों के अमल पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि फिलहाल न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था बनी रहेगी। जमीन की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने जो कमेटी बनाई थी उसमें साउथ एशिया इंटरनेशनल फूट पॉलिसी के डायरेक्टर प्रमोद कुमार जोशी, शेतकारी संगठन के अनिल घनवटे, भारतीय किसान युनियन के भूपिंदर सिंह मान और कृषि विशेषज्ञ अशोक गुलाटी शामिल हैं। इस कमेटी से भूपिंदर सिंह मान ने अपने को अलग कर लिया है।

ट्रैक्टर रैली को लेकर ही किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि हम दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकालकर रहेंगे, हमें कौन रोकेगा। दिल्ली भी किसानों की है और गणतंत्र दिवस भी किसानों का है। राकेश टिकैत बोले कि पुलिस हमें क्यों रोकेगी, हम ट्रैक्टरों पर आ रहे हैं और किसी को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे।

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