Friday, December 27, 2024
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Homeउत्तर प्रदेशउत्तर प्रदेश में 17 गुना बढ़े स्टार्टअप, खुले रोजगार के अवसर

उत्तर प्रदेश में 17 गुना बढ़े स्टार्टअप, खुले रोजगार के अवसर

लखनऊः उत्तर प्रदेश में योगी सरकार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए हर मोर्चे पर तैयार है। सरकार स्टार्टअप नीति 2020 के जरिए नए स्टार्टअप स्थापित करने के लिए युवाओं को विभिन्न माध्यमों से प्रोत्साहन भी दे रही है। साल 2017 के पहले पूरे प्रदेश में जहां महज 200 स्टार्टअप ही स्थापिक हो सके थे, वहीं केवल तीन साल में 17 गुना अधिक बढ़कर कुल 3406 स्टार्टअप स्थापित किए जा चुके हैं। इससे करीब 22 हजार लोगों को रोजगार उपलब्ध हो सका है।

अपर मुख्य सचिव आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स आलोक कुमार ने बताया कि प्रदेश के 73 जिलों में स्थापित इन स्टार्टअप के जरिए 10 हजार लोगों को प्रत्यक्ष व 12 हजार लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध हुआ है। जल्द ही प्रदेश में 100 नए इनक्यूबेटर की स्थापना की जाएगी। वर्तमान में लगभग 18 इनक्यूबेटर कार्य कर रहे हैं। हर जिले में इनक्यूबेटर स्थापित किए जा रहे हैं। इन इनक्यूबेटर के जरिए प्रबंधन प्रशिक्षण या अन्य जरूरी सेवाएं प्रदान करके नई स्टार्टअप कंपनियों को विकसित करने में मदद मिलेगी। इसके बाद करीब 10 हजार नए स्टार्टअप्स स्थापित किए जाएंगे। इससे 50 हजार लोगों को प्रत्यक्ष व 1 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध हो सकेगा।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में औद्योगिक नगर नोएडा में सर्वाधिक 1154 स्टार्टअप्स स्थापित किए जा चुके हैं। वहीं गाजियाबाद में 533, लखनऊ में 500 और प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र व पूर्वांचल क्षेत्र के जिलों में कुल 1219 स्टार्टअप्स स्थापित किए जा चुके हैं।

लॉकडाउन के बाद अन्य राज्यों से उत्तर प्रदेश लौटे चार लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराना सरकार की चुनौती थी। सरकार का उद्देश्य था कि इन प्रवासी श्रमिकों को ऐसी नौकरियां प्रदान करना जो उनके रोजगार के पेशे के अनुरूप हों, साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में स्वरोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा दे सके।

आज श्रमिकों को सरकार उनके कौशल की पहचान व उनका उपयोग कराकर रोजगार उपलब्ध करा रही है। इसके लिए सूचना प्रौद्योगिकी व जनित सेवा क्षेत्र, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, टेक्सटाइल व अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में नए स्टार्टअप स्थापित कर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

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उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालयों और विद्यालयों में नवाचार और उद्यमिता विकास के पाठ्यक्रम शामिल किए जाएंगे। नई स्टार्टअप नीति 2020 के तहत यह नीति एक सक्षम कारोबारी परिवेश को बढ़ावा देगी और उत्कृष्टता का एक अत्याधुनिक केंद्र स्थापित करेगी। चिकित्सा और स्वास्थ्य, कृषि, खादी, ऊर्जा, शिक्षा, परिवहन, पर्यटन आदि के विभिन्न क्षेत्रों में स्टार्टअप्स को एक समान महत्व देगी। इसे बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी और संचालन के लिए सरकार की ओर से 15 करोड़ रुपये की पहली किस्त से आर्थिक सहायता भी दी गई है। जल्द ही नए स्टार्टअप के जरिये यूपी सर्वाधिक रोजगार उपलब्ध कराने वाले राज्यों में शामिल हो जाएगा।

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