New Delhi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति स्वामी रामकृष्ण परमहंस (Swami Ramakrishna Paramahamsa) की 189वीं जयंती पर उन्हें नमन किया है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर इस संबंध में एक वीडियो पोस्ट भी शेयर किया।
पीएम मोदी ने एक्स पर किया पोस्ट
पीएम मोदी ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, “सभी देशवासियों की ओर से स्वामी रामकृष्ण परमहंस जी को उनकी जयंती पर शत-शत नमन।” पीएम मोदी द्वारा शेयर किए गए वीडियो में उनके कई शॉट्स हैं। इसमें वहस्वामी रामकृष्ण परमहंस की मूर्ति पर माल्यार्पण और नमन करते दिखाई दे रहे हैं।
सभी देशवासियों की ओर से स्वामी रामकृष्ण परमहंस जी को उनकी जयंती पर शत-शत नमन। pic.twitter.com/CwaBq6qgUr
— Narendra Modi (@narendramodi) February 18, 2025
पीएम मोदी ने वीडियो में कहा, “स्वामी रामकृष्ण परमहंस (Swami Ramakrishna Paramahamsa) एक ऐसे संत थे जिन्होंने मां काली का स्पष्ट साक्षात्कार किया था। जिन्होंने मां काली के चरणों में अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया था। वह कहते थे ये संपूर्ण जगत यह चराचर सब कुछ मां की चेतना से व्याप्त है। यही चेतना बंगाल की काली पूजा में थी। यही चेतना बंगाल और पूरे भारत की आस्था में भी खुल गई। इसी चेतना और शक्ति के एक कुंज को स्वामी विवेकानंद जैसे युग पुरुषों के रूप में स्वामी रामकृष्ण परमहंस (Swami Ramakrishna Paramahamsa) ने प्रदीप्त किया था। मैं गुरुदेव रामकृष्ण परमहंस को उनके श्री चरणों में प्रणाम करता हूं।”
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18 फरवरी 1836 को हुआ था जन्म
बता दें कि, रामकृष्ण परमहंस का जन्म 18 फरवरी 1836 को बंगाल प्रांत के कामारपुकुर गांव में फाल्गुन शुक्ल की द्वितीया तिथि को हुआ था। इसलिए हर साल 18 फरवरी को उनकी जयंती मनाई जाती है। बचपन में उनका नाम गदाधर चट्टोपाध्याय था, लेकिन आध्यात्मिक मार्ग पर चलकर उन्होंने परम तत्व या परमात्मा का ज्ञान प्राप्त किया, जिस कारण उन्हें ‘परमहंस’ कहा जाने लगा। उन्होंने एक महान विचारक तथा उपदेशक के रूप में अनेक लोगों को प्रेरित किया। उन्होंने निराकार ईश्वर की उपासना पर जोर दिया। अपने ज्ञान की रोशनी से, उन्होंने नरेंद्र नाम के एक साधारण बालक, जो तर्क में विश्वास रखता था और अध्यात्म से कोसों दूर था, को अध्यात्म के पथ से परिचित कराया।