गाजियाबादः दिल्ली से सटे गाजियाबाद में रविवार को बारिश के दौरान बड़ा हादसा हो गया। दिल्ली-मेरठ रोड के नजदीक उजेड़ा माइनर के पास मुरादनगर श्मशान घाट में निर्माणाधीन गलियारे का लेंटर गिर गया और मलबे में कई लोग दब गए। मौके पर पहुंची एनडीआरएफ ने अब तक 16 लोगों के शव निकाले हैं और अभी भी कई लोगों के दबे होने की आशंका है। इसलिए अभी भी बचाव व राहत कार्य चल रहा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के आश्रितों को 02-02 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी डॉ. अजय शंकर पांडेय व एसएसपी कलानिधि नैथानी भी मौके पर पहुंच गए हैं।
मुरादनगर श्मशान घाट पर इस समय एक गलियारे का निर्माण कार्य चल रहा है। आज तड़के से हो रही लगातार बारिश के बीच बालाजी कॉलोनी निवासी यादराम का निधन हो गया था। कालोनी के लोग व रिश्तेदार उनके शव को अंतिम संस्कार के लिए मुरादनगर श्मशान घाट ले गए थे। बारिश से बचने के लिए ये लोग निर्माणाधीन लेंटर के नीचे खड़े थे तभी लेंटर भरभराकर गिर गया। अंतिम संस्कार के दौरान यह हादसा होने से अफरातफरी मच गई। तत्काल ही स्थिति को गंभीर देखते हुए एनडीआरएफ की टीमों को बुलाया गया और बचाव राहत कार्य शुरू कर दिया गया। एनडीआरएफ कर्मियों ने अब तक 8 लोगों के शवों को बाहर निकाला है जबकि अभी भी कई लोगों के दबे होने की आशंका है। मौके पर बचाव कार्य जारी है।
उधर, इस हादसे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को तत्काल मौके पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य संचालित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि घटना से प्रभावित व्यक्तियों को हर सम्भव मदद पहुंचाई जाए तथा हादसे में घायल लोगों का समुचित उपचार सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के आश्रितों को 02-02 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही मुख्यमंत्री ने मण्डलायुक्त, मेरठ एवं एडीजी मेरठ जोन को घटना के सम्बन्ध में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
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जिलाधिकारी डॉ. अजय शंकर पांडेय ने बताया कि मौके पर राहत कार्य चल रहा है जिसमें स्थानीय पुलिस के साथ-साथ एनडीआरएफ की टीम भी लगी हुई है। हालांकि बारिश होने के कारण बचाव कार्य में व्यवधान पड़ रहा है लेकिन एनडीआरएफ की टीम पुलिस तत्परता के साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा कि मरने वालों की पहचान की जा रही है और उनके आश्रितों की हर संभव मदद की जाएगी। सभी शवों को जिला एमएमजी अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया है। जिला प्रशासन ने अभी तक मरने वालों की संख्या की पुष्टि नहीं की है।