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केदारनाथ धाम में रोजाना 15 हजार श्रद्धालु कर सकेंगे दर्शन, टोकन व्यवस्था होगी लागू

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kedarnath देहरादूनः उत्तराखंड सरकार पिछले वर्ष चारधाम यात्रा में आए श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या से जहां गदगद है वहीं वह इस बार चारधाम यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए और सुविधाएं देने की कवायद में जुट गई ताकि श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न उठानी पड़े। इसलिए बद्री-केदार दर्शनों की व्यवस्था में और सुधार लाने का निर्णय लिया गया है। बद्री-केदार समिति के अध्यक्ष ने बताया कि केदार धाम में अब प्रतिदिन 15 हजार श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। बुधवार को बलवीर रोड पर मीडिया से बातचीत के दौरान बद्री-केदार अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि यह व्यवस्था केदार धाम के कपाट खोलने से पहले ही चुस्त दुरुस्त कर ली जाएगी। उन्होंने बताया कि इसके लिए टोकन व्यवस्था लागू की जाएगी। प्रति वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार हो रही बढ़ोतरी के कारण व्यवस्था में सुधार आवश्यक था। अब श्रद्धालुओं को पंजीकरण के साथ ही टोकन दे दिया जाएगा। यह टोकन हर घंटे के दर्शन के समय का होगा। इसकी सूचना लाउडस्पीकर तथा मोबाइल पर श्रद्धालुओं को मिल जाएगी। बद्री-केदार अध्यक्ष ने बताया कि प्रत्येक घंटे 12 सौ और प्रतिदिन 15 हजार श्रद्धालु केदारनाथ के दर्शन कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि केदारधाम के खुलने की तिथि 18 फरवरी को शिवरात्रि के दिन की जाएगी और 24 अप्रैल के आसपास बाबा केदार भक्तों को दर्शन देने लग जाएंगे। बद्री-केदार अध्यक्ष ने बताया कि कोरोना काल के बाद लगातार श्रद्धालुओं में बढ़ोतरी हो रही है। 2013 में आई भयानक आपदा से पूर्व जिस पैदल मार्ग का श्रद्धालुओं के लिए उपयोग किया जाता था, उस पर भी चर्चा चल रही है। वन विभाग के सहयोग से उस मार्ग को खोलने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि इस मार्ग के खुल जाने से ध्यान गुफा तक पहुंचने में आसानी होगी। इसी मार्ग से घोड़े खच्चर ले जाए जाएंगे ताकि नये मार्ग में स्वच्छता भी बनी रहे और श्रद्धालुओं को असुविधा न हो। ये भी पढ़ें..Uttarakhand: 13 साल बाद श्यामलाताल में नौका विहार का लुत्फ उठायेंगे... अजेन्द्र ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में चार धाम यात्रियों के लिए सुविधाओं का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी उत्तराखंड चारधाम तथा विकास के लिए निरंतर प्रयासरत है। मुख्यमंत्री ने इस संदर्भ में बैठक भी ली है और यात्रा की समीक्षा भी कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि भारी बर्फबारी के कारण धामों के विकास कामों में जो अवरोध आया था, उसे बर्फबारी कम होते ही पुनरू प्रारंभ कर दिया जाएगा ताकि उत्तराखंड के चारधाम यात्रियों की सेवा के लिए निरंतर तत्पर रहें और देश विदेश के लाखों लाख यात्री चार धाम पहुंचकर दर्शन कर सके। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)