चंडीगढ़ः हरियाणा के गुरुग्राम में स्थित सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान में 02 फरवरी को विश्व आर्द्रभूमि दिवस (वर्ल्ड वेटलैंड डे) मनाया जाएगा। इस कार्यक्रम में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव मुख्य अतिथि होंगे जबकि केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे विशेष अतिथि होंगे। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी शिरकत करेंगे।
सरकारी प्रवक्ता ने मंगलवार को बताया कि हरियाणा तालाब और अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण (एचपीडब्लूडब्लूएमए) प्रदेश के सभी जल निकायों/झीलों/तालाबों की बहाली और कायाकल्प के लिए कार्य कर रहा है, इसके चलते विश्व आर्द्रभूमि दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए उन्हें भी आमंत्रित किया गया है। इस अवसर पर हरियाणा तालाब और अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण (एचपीडब्लूडब्लूएमए) पोस्टरों व मॉडल के माध्यम से तालाबों को रिस्टोर करने संबंधी कार्यों को प्रदर्शित करेगा। इसके साथ-साथ पावर-प्वाइंट प्रेजेंटेशन व शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से प्राधिकरण की स्थापना से लेकर अब तक के कार्यों व उपलब्धियों को भी प्रस्तुत किया जाएगा।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा तालाब और अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण (एचपीडब्लूडब्लूएमए) 23 अक्टूबर 2018 को अधिसूचित हुआ। स्थापना के बाद प्राधिकरण ने तालाबों में बहने वाले अपशिष्ट जल को पुनरस्थापित करने, तालाबों को फिर से जीवंत करने के साथ-साथ उपचार और प्रबंधन के लिए कार्य कर रहा है। प्राधिकरण ने 18 हजार 751 तालाबों का डेटा एकत्र करके पोंड डेटा मैनेजमेंट सिस्टम (पीडीएमएम) सॉफ्टवेयर के माध्यम से उपलब्ध करवाया है।
प्रवक्ता ने बताया कि तालाबों में बहने वाले अपशिष्ट जल को वेटलेंड तकनीकों के माध्यम से उपचारित किया जा रहा है, ताकि इन तालाबों का उपयोग मछली पालन, मवेशियों और सूक्ष्म सिंचाई के लिए किया जा सके।
तालाबों की गाद साफ करने से पानी का संरक्षण होगा और भूमिगत जल स्तर में सुधार होगा और पानी की कमी को रोका जा सकेगा। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के मार्गदर्शन में प्राधिकरण ने वित्तीय वर्ष में अतिप्रवाहित तालाबों सहित सभी प्रदूषित तालाबों के जीर्णोद्धार/पुनरुद्धार के लिए योजना तैयार की है।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि द्वितीय चरण के तहत 756 गांवों के कुल 1940 प्रदूषित तालाबों में से 402 गांवों के 860 तालाबों के आर्किटेक्चर वर्किंग ड्राइंग पहले ही जारी की जा चुके हैं। शेष ड्राइंग 30 अगस्त, 2022 तक जारी की जाएंगी। 102 तालाबों का काम आवंटित किया जा चुका है और 80 तालाबों पर काम शुरू कर दिया गया है। आगामी मार्च 2022 तक 105 तालाबों पर काम शुरू होने की संभावना है।
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तीसरे चरण के तहत यानी वित्त वर्ष 2022-23 में 1041 गांवों के 2,552 प्रदूषित तालाबों पर योजना बनाई गई है। 31 अक्टूबर 2022 तक सभी आर्किटेक्चर वर्किंग ड्राइंग जारी कर दिए जाएंगे। मार्च 2022 तक 100 तालाबों पर काम शुरू होने की संभावना है। प्राधिकरण, प्रदेश सरकार की जमीनों पर हरसैक के माध्यम से सभी जल निकायों की जियो-मैपिंग और जियो-टैगिंग कर रहा है। हरसैक ने सैटेलाइट के माध्यम से 37,353 जल निकायों/तालाबों की जियो-मैपिंग की है, जिसमें से 24,500 जल निकायों/तालाबों के लिए जियो-टैगिंग की गई है।
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