ढाकाः भारत और बांग्लादेश के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को दोनों देशों की सरकारें लगातार प्रयास कर रहीं हैं। वहीं बांग्लादेश के पाकिस्तान बेईमान नौकरशाहों का एक वर्ग दोनों देशों के बीच अच्छे संबंधों को बदनाम करने के लिए तरह-तरह के प्रयास कर रहे हैं। आरोप है कि कथित तौर पर बेनापोल कस्टम्स अथॉरिटी और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) जब भी भारतीय पासपोर्ट धारकों को देखते हैं तो उन्हें तरह-तरह से परेशान किया जाता है। बताया गया कि रियाज मंडल नाम का एक भारतीय पासपोर्टधारक 29 दिसंबर की सुबह व्यावसायिक वीजा पर बांग्लादेश पहुंचा। उसका आरोप है कि उसे परेशान किया गया, प्रताड़ित किया गया और धमकाया भी गया है। रियाज ने बताया कि उसके पासपोर्ट वीजा पर पेन से निशान लगा दिया गया। रियाज के साथ हुई इस घटना ने भारत और बांग्लादेश के जरिए वैध पासपोर्ट से यात्रा करने वाले यात्रियों में भय और गुस्सा पैदा कर दिया है।
बेनापोल कस्टम्स के डिप्टी कमिश्नर अब्दुल कय्यूम पर रियाज मंडल के पासपोर्ट वीजा से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया गया है। अन्य यात्रियों और चश्मदीदों ने बताया कि 29 दिसंबर की सुबह उन्होंने बिजनेस वीजा पर भारत के पेट्रापोल के रास्ते बेनापोल में इमिग्रेशन चेकपोस्ट कस्टम चेकपॉइंट पर अपना बैग स्कैन करके प्रवेश किया। उसे यात्री टर्मिनल के प्रवेश द्वार पर बीजीबी ने रोका दिया। डीसी अब्दुल कय्यूम ने यात्री को बीजीबी चेक पोस्ट से सीमा शुल्क में फिर से प्रवेश करने का निर्देश दिया। बाद में यात्री रियाज मंडल को डीसी की टेबल पर ले जाया गया। आरोप है कि वहां बिना वजह बताए उसके पासपोर्ट को नष्ट कर दिया गया। इससे यात्री फूट-फूट कर रोने लगा। पीड़ित यात्री ने उच्चायोग से शिकायत कर सुनवाई की मांग की है। व्यापार और वीजा नियमों के उल्लंघन से भारतीय यात्रियों के साथ इस तरह से अभद्र व्यवहार को लेकर यात्रियों में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली है। बेनापोल सीमा शुल्क के प्रवेश द्वार पर भारत से आने वाले यात्रियों के उत्पीड़न के आरोप लगे हैं। बीजीबी पर भारत से आने वाले यात्रियों को हिरासत में लेने, ज्यादा सामान होने के नाम पर उत्पीड़न के आरोप लगते रहे हैं। भारत से बिजनेस वीजा पर बांग्लादेश पहुंचने वाले यात्रियों ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि उन्हें हाल ही में बेनापोल सीमा शुल्क और बीजीबी ने बेनापोल सीमा पर परेशान किया गया था।
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पासपोर्ट धारकों के मुताबिक बीजीबी जिस तरह से रीति-रिवाजों के विपरित कई चेकपोस्ट बनाकर यात्रियों को परेशान कर रहा है, उससे लगता है कि वे पाकिस्तान से आ रहे हैं, भारत से नहीं। हालांकि बेनापोल कस्टम्स डीसी मो. अब्दुल कय्यूम का कहना है कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। पीड़ितों के अनुसार बांग्लादेश जाने वाले भारतीय नागरिकों के साथ यातनाएं की घटनाएं कई गुना बढ़ जाती हैं। महामारी के समय में भी बेनापोल पेट्रापोल भूमि बंदरगाह के माध्यम से बांग्लादेश और भारत के बीच आयात-निर्यात व्यापार होते हैं। ग्रीनलाइन ट्रांसपोर्ट के जीएम अब्दुस सत्तार ने वैध यात्रियों की तलाशी के नाम पर उत्पीड़न पर चिंता जताई है। उन्होंने इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों से हस्तक्षेप की मांग की है। बेनापोल नगरपालिका के मेयर अशरफुल आलम लिटन ने कहा कि दोनों देशों के सीमा शुल्क अधिकारियों को यात्रियों की आसान आवाजाही सुनिश्चित होनी चाहिए। अन्यथा, सरकारी अधिकारियों में नागरिकों का विश्वास उठ जाएगा। उन्होंने कहा कि वे न केवल बीजीबी के साथ बल्कि बीएसएफ के साथ भी हैं। इसलिए तलाशी के नाम पर वैध यात्रियों को परेशान करने के बजाय तस्करों पर लगाम कसने के लिए सीमा पर गश्त बढ़ानी जरूरी है। कानूनी पासपोर्ट वाले यात्रियों की तलाशी के लिए बीजीबी के पास तीन चेकपोस्ट होना उचित नहीं है।
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