पश्चिमी देशों पर भड़के जेलेंस्की, बोले-किया झूठा वादा

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कीव: युद्धग्रस्त यूक्रेन 13 दिन से रूस की सेना का मुकाबला कर रहा है। इस जंग के दौरान दुनिया के प्रमुख ताकतवर देशों ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाकर रशियन राष्ट्रपति पुतिन को चेताया भी है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की सेना मोर्चे पर डटी है। पश्चिमी देशों से मदद का इंतजार कर रहे जेलेंस्की के धैर्य का बांध आखिरकार मंगलवार को टूट गया। अपने टेलीग्राम वीडियो में जेलेंस्की ने रूसी हमलों से यूक्रेन को बचाने के पश्चिम के ‘झूठे वादों’ की निंदा की

इस वीडियो में जेलेंस्की ने कहा- ’13 दिन से हम वादों को सुन रहे हैं। हमें हवाई सहायता मुहैया कराई जाएगी, विमान दिए जाएंगे, उन्हें हम तक पहुंचाया जाएगा।’ उन्होंने कहा कि इसकी जिम्मेदारी उन लोगों की भी है जो 13 दिन तक पश्चिम में फैसला लेने में सक्षम नहीं थे। उन लोगों की भी है, जिन्होंने रूसी विमानों से यूक्रेनी आसमान को सुरक्षित नहीं किया। इससे पहले भी जेलेंस्की कह चुके हैं कि दुनिया ने हमें इस युद्ध में लड़ने के लिए अकेला छोड़ दिया है।

यूक्रेन छोड़कर पोलैंड भागने की चर्चाओं को भी जेलेंस्की सिरे से खारिज कर चुके हैं। वह सोमवार रात को राष्ट्रपति भवन में टहलते नजर आए। इसका वीडियो पोस्ट किया। इसमें जेलेंस्की ने कहा कि वह राजधानी कीव में ही हैं। वह किसी से नहीं डरते। वह किसी बंकर में नहीं छिपे हैं। वह तब तक कीव में मौजूद रहेंगे जब तक देशभक्ति से भरे इस युद्ध को जीतने के लिए यह जरूरी होगा।

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जेलेंस्की देश छोड़ने के अमेरिकी प्रस्ताव को भी ठुकरा चुके हैं। इस बीच रूस में रह रहे यूक्रेन के चौथे राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच ने जेलेंस्की से ‘रक्तपात को रोकने’ की अपील की है। उन्हें 2014 के विरोध प्रदर्शनों के दौरान सत्ता से हटा दिया गया था। तब से वह निर्वासित हैं। यानुकोविच ने कहा है कि- ‘मैं समझता हूं कि आपके कई ‘सलाहकार’ हैं लेकिन रक्तपात को रोकना और शांति समझौते पर पहुंचना आपकी व्यक्तिगत जिम्मेदारी है।

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