काजू खाने के ऐसे फायदों से आप भी होंगे अनजान, जानिए इसके लाभ

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लखनऊः सूखे मेवों की बात करें और काजू की बात न करें, ऐसा तो हो ही नहीं सकता। भारत में अलग-अलग जगहों पर इसका इस्तेमाल अलग-अलग तरह से किया जाता है। इसका इस्तेमाल कुछ मीठे व्यंजनों और कुछ अन्य मसालेदार व्यंजनों का स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है। यहां आपको बता दें कि काजू का इस्तेमाल सिर्फ खाने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसके सेवन से शरीर की कई समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में जानिए काजू खाने से शरीर को क्या-क्या फायदे होते हैं। साथ ही पाठकों को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि काजू किसी भी बीमारी का इलाज नहीं है। इसका सेवन बीमारी से बचाव और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए किया जा सकता है।

यहां सबसे पहले हम जानेंगे कि काजू खाने से सेहत को क्या-क्या फायदे होते हैं।

काजू के फायदे
काजू ऊर्जा से भरपूर प्रोटीन और वसा का बेहतरीन स्रोत है, यह तुरंत ऊर्जा प्रदान कर सकता है। इसलिए बढ़ती उम्र के बच्चों और खिलाड़ियों को इसका सेवन जरूर करना चाहिए। काजू को एनर्जी का पावर हाउस भी कहा जाता है। यह खाने में जितना स्वादिष्ट होता है उससे कहीं ज्यादा सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है। आइए जानते हैं सेहत के लिए काजू के फायदे।

1. काजू दिल की सेहत के लिए
काजू को मेवों की श्रेणी में रखा जाता है और मेवे शरीर को कई तरह से फायदा पहुंचाने का काम करते हैं। नट्स को दिल की सेहत बनाए रखने के लिए भी अहम माना जाता है। इनमें बायोएक्टिव मैक्रोन्यूट्रिएंट्स होते हैं, जो दिल को स्वस्थ रखने का काम कर सकते हैं।

2. कैंसर                                                                                                                         ड्राई फ्रूट्स हमें कई बीमारियों से बचाते हैं लेकिन काजू हमें कैंसर जैसी घातक बीमारी से भी बचाता है। बता दें कि काजू के अर्क में एनाकार्डिक एसिड होता है। एनाकार्डिक एसिड कैंसर मेटास्टेसिस (वह प्रक्रिया जिससे कैंसर शरीर में प्रसारित होता है) को रोकता है। इसलिए काजू के सेवन से हमें कैंसर जैसी बीमीरियों से लड़ने की शक्ति भी मिलती है। लेकिन ये ध्यान रहे कि काजू खाने से कैंसर ठीक नहीं हो सकता। बस इसे स्वस्थ आहार के रूप में ही सेवन किया जा सकता है।

3. ब्लड प्रेशर में रामबाण
ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए आप काजू का सहारा ले सकते हैं। काजू हमारे ब्लड सर्कुलेशन को भी ठीक करता है। काजू से बना सप्लीमेंट सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर को कम कर सकता है। इस लिए डॉक्टर भी ड्राई फ्रूट में काजू खाने की सलाह देते हैं।

4. पाचन तंत्र को बनाता है मजबूत
काजू खाने से पाचन क्रिया में सुधार होता है साथ इस मजबूत भी मिलती है। काजू में फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है और फाइबर पाचन को ठीक रखकर कब्ज और अल्सर जैसी समस्याओं से निजात दिलाता है। लेकिन इस बात खास ध्यान रखना होगा अगर आपको गैस की समस्या है तो इसका सेवन कम मात्रा में ही करें। खात तौर पर वे लोग जिनकी दिन की एक्टिविट कम हो उन्हें काजू कम ही खाने चाहिए।

5. काजू के फायदे हड्डियों के विकास के लिए
काजू में मैग्नीशियम और कैल्शियम अच्छी मात्रा में होता है। कैल्शियम और मैग्नीशियम हड्डियों के विकास के साथ-साथ उन्हें मजबूत बनाने में भी मदद करते हैं। काजू में मौजूद मैग्नीशियम ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारी से बचाव में मदद कर सकता है। इस बीमारी के कारण हड्डियां कमजोर और नाजुक हो जाती हैं।

6. स्वस्थ दिमाग के लिए काजू खाने के फायदे
जैसा कि हमने पढ़ा है कि काजू में मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा होती है। मैग्नीशियम मस्तिष्क में रक्त प्रवाह का समर्थन करता है, और मस्तिष्क की चोट को ठीक करने में मैग्नीशियम महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इसके अलावा, मैग्नीशियम में एंटीडिप्रेसेंट गुण होते हैं, जो डिप्रेशन को दूर करने में मदद कर सकते हैं। इस प्रकार काजू में मौजूद मैग्नीशियम मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद हो सकता है।

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7. वजन संतुलित करने में काजू के फायदे
काजू में मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा होती है, जो फैट और कार्बोहाइड्रेट के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है। साथ ही काजू में पाया जाने वाला फाइबर शरीर के वजन को नियंत्रित करने में मददगार हो सकता है। दरअसल, फाइबर कैलोरी की मात्रा को कम करता है। इसके अलावा काजू में कैलोरी की मात्रा के साथ फैट और प्रोटीन भी अधिक होता है। इसलिए यह लंबे समय तक पेट को भरा रखने का काम कर सकता है। इससे अतिरिक्त भोजन लेने की आदत में सुधार किया जा सकता है, जिससे वजन को नियंत्रण में रखने में मदद मिल सकती है। ध्यान रहे कि जो लोग पहले से ही मोटापे की समस्या से जूझ रहे हैं उन्हें काजू का सेवन नहीं करना चाहिए।

8. मधुमेह में लाभकारी
काजू में कई पोषक तत्व होते हैं, जिनमें से एक है मैग्नीशियम। मैग्नीशियम को मधुमेह मित्र भी कहा जाता है, जो रक्त में मौजूद ग्लूकोज को स्थिर करने में सहायक हो सकता है। रक्त में मौजूद ग्लूकोज को स्थिर करके मधुमेह को नियंत्रित किया जा सकता है।

9. खून को स्वस्थ रखता है
काजू आयरन और कॉपर का अच्छा स्रोत है। आयरन स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने में मदद करता है, जो शरीर के चारों ओर ऑक्सीजन ले जाने में मदद करता है। आयरन लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाकर एनीमिया जैसे रक्त विकारों को दूर करने का भी काम कर सकता है।

10. गर्भधारण के लिए
काजू में कई पोषक तत्व होते हैं, जो गर्भावस्था के दौरान जरूरी हो सकते हैं। जैसे इसमें पाया जाने वाला कैल्शियम और मैग्नीशियम। कैल्शियम गर्भवती महिला के स्वास्थ्य के साथ-साथ भ्रूण की हड्डियों के विकास के लिए भी आवश्यक है। मैग्नीशियम बच्चे के जन्म के वजन को कम करने और गर्भवती रक्तचाप को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

11. स्वस्थ मसूढ़ों और दांतों के लिए काजू खाने के फायदे
कैल्शियम को दांतों के लिए सबसे जरूरी पोषक तत्व माना जाता है। कैल्शियम दांतों के विकास और उनकी मजबूती को बनाए रखने का काम करता है। शरीर में इस खास तत्व की कमी से दांतों की सड़न से लेकर कई अन्य समस्याएं हो सकती हैं। क्‍योंकि काजू में कैल्शियम पाया जाता है।

12. पित्ताशय की पथरी
काजू में मौजूद फाइबर गॉल ब्लैडर स्टोन की समस्या को दूर करने में मददगार हो सकता है। मोटापा और तेजी से वजन कम होना पित्ताशय की पथरी के जोखिम कारक हैं। फाइबर से भरपूर आहार पित्त पथरी को रोकने में मददगार साबित हो सकता है। हालांकि काजू का सेवन इस बीमारी का इलाज नहीं है, इसलिए इस समस्या के इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क करना भी जरूरी है।

13. एंटीऑक्सीडेंट
काजू में पाए जाने वाले पोषक तत्वों में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। एंटीऑक्सिडेंट स्वास्थ्य के लिए आवश्यक माने जाते हैं, क्योंकि वे कैंसर से बचा सकते हैं और हृदय सहित पूरे शरीर को स्वस्थ रखने का काम करते हैं।

14. स्वस्थ त्वचा के लिए काजू
काजू में विटामिन-ई जैसे प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो त्वचा के स्वास्थ्य और सौंदर्य को बढ़ावा देने और त्वचा पर बढ़ती उम्र के प्रभावों को रोकने में फायदेमंद हो सकते हैं। साथ ही ये त्वचा को झुर्रियों और सूरज की हानिकारक किरणों के प्रभाव से बचा सकते हैं।

15. बालों के लिए काजू
काजू में मैग्नीशियम, जिंक, आयरन और फास्फोरस जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। काजू में मौजूद ये सभी पोषक तत्व बालों को पोषण देने के साथ-साथ बालों की चमक और मजबूती में भी मदद कर सकते हैं।

काजू के पोषक तत्व जानने के बाद आइए जानते हैं कि काजू के स्वास्थ्य लाभ के लिए इसका क्या और कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है।

काजू का उपयोग

स्वाद और सेहत से भरपूर काजू को आप कई तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं, जैसे:

काजू को आप जब चाहें सीधे खा सकते हैं।
काजू कतली जैसी मिठाइयों में इसका इस्तेमाल किया जाता है।
काजू को बादाम के साथ भूनकर उसमें थोड़ा सा नमक मिलाकर नाश्ते के तौर पर खाया जा सकता है।
काजू को खीर और हलवे में टॉपिंग के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
इसका उपयोग कुछ प्रकार की सब्जियों को पकाते समय भी किया जा सकता है।
काजू की मात्रा- ऐसा माना जाता है कि एक दिन में 6-7 काजू खाए जा सकते हैं। फिर भी इसकी रोजाना मात्रा जानने के लिए एक बार आहार विशेषज्ञ से जरूर बात करें। ध्यान रहे कि काजू का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए और नमकीन और तले हुए काजू के सेवन से दूर ही रहना चाहिए। ऐसे लोगों को भी काजू के सेवन से बचना चाहिए, जिनकी शारीरिक सक्रियता न के बराबर होती है।

आइए जानते हैं किन लोगों को काजू नहीं खाना चाहिए।

काजू किसे नहीं खाना चाहिए
जरूरी नहीं कि काजू हर किसी की सेहत पर अच्छा प्रभाव डाले। कुछ लोगों के लिए यह हानिकारक भी साबित हो सकता है।
कुछ लोगों को काजू के सेवन से एलर्जी हो सकती है, ऐसे में उनके लिए इससे दूर रहना ही बेहतर होगा।
काजू में अच्छी मात्रा में फाइबर होता है। फाइबर पेट को साफ करने का काम करता है। इसलिए जिन लोगों को डायरिया की समस्या हो उन्हें काजू नहीं खाना चाहिए।

काजू को जहां स्वाद और सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है, वहीं इसके कुछ नुकसान भी हैं। जानिए इसके नुकसान के बारे में।

काजू के नुकसान
किसी भी चीज का उपयोग सीमित मात्रा में ही करना चाहिए, तभी उसका लाभ हो सकता है। ऐसे ही हमें काजू खाने का तरीका पता होना चाहिए। काजू का सीमित इस्तेमाल ही फायदेमंद होता है। इसका अधिक मात्रा में प्रयोग नकारात्मक परिणाम दे सकता है। आइए जानते हैं काजू के नुकसान।

काजू में सोडियम पाया जाता है। अगर आप अधिक मात्रा में काजू खाते हैं तो शरीर में सोडियम की मात्रा बढ़ सकती है, जिससे हाई ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक और दिल से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं। साथ ही किडनी पर भी असर पड़ सकता है।
काजू में उच्च मात्रा में कैलोरी होती है। वैसे तो कैलोरी आपकी सेहत के लिए अच्छी होती है, लेकिन इनका अधिक मात्रा में सेवन आपके वजन को बढ़ा सकता है।

काजू में फाइबर पाया जाता है। फाइबर सेहत के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन काजू के रूप में ज्यादा फाइबर का सेवन करने से पेट फूलने और गैस बनने की समस्या हो सकती है। फाइबर स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन काजू के रूप में बहुत ज्यादा फाइबर का सेवन पेट में सूजन और गैस का कारण बन सकता है ।

काजू पोटैशियम से भरपूर होते हैं। काजू का ज्यादा सेवन करने से हमारे शरीर में अतिरिक्त पोटैशियम पहुंच सकता है, जिससे अचानक दिल की धड़कन रुक जाना, कमजोरी और किडनी फेल होने जैसी स्थितियां हो सकती हैं।

काजू की खेती से कमाया जा सकता है लाखों का मुनाफा

काजू भारत की प्रमुख विदेशी मुद्रा अर्जित करने वाली फसल है। वैसे तो काजू की वाणिज्यिक और बड़े पैमाने पर खेती केरल, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में की जाती है, लेकिन झारखंड राज्य के कुछ जिले, जो बंगाल और ओडिशा से सटे हैं, में भी इसकी खेती होती है। . खेती की अपार संभावनाएं हैं। प्राय: देखा गया है कि पूर्वी सिंहभूम में पं. राज्य के सिंहभूम, सरायकेला-खरसावाँ एवं कुछ अन्य जिलों में काजू की देशी प्रजाति के पौधे पाये जाते हैं। इन पौधों से बहुत उच्च गुणवत्ता वाले काजू का उत्पादन नहीं होता है, लेकिन यह एक संकेत जरूर देता है कि अगर इन क्षेत्रों में काजू की उन्नत किस्मों के बाग लगाए जाएं और उनकी देखभाल ठीक से की जाए तो काजू का झारखंड निर्यात भी संभव है। प्रस्तुत अध्याय में काजू की व्यावसायिक खेती के कुछ पहलुओं पर प्रकाश डाला गया है।

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मिट्टी और जलवायु
काजू एक उष्णकटिबंधीय फसल है जो गर्म और आर्द्र जलवायु में अच्छी उपज देती है। इसकी खेती उन क्षेत्रों में प्रभावित होती है जहां पाला पड़ने या लंबे समय तक सर्दी पड़ने की संभावना होती है। 700 मीटर ऊंचाई वाले क्षेत्र जहां तापमान 200 C.G से ऊपर है। ऊपर रहने पर काजू की अच्छी उपज होती है. 600-4500 मिमी वार्षिक वर्षा वाले क्षेत्रों के लिए उपयुक्त। काजू को कई प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है, लेकिन तटीय प्रभाव वाली लाल और लैटेराइट मिट्टी वाले क्षेत्र इसकी खेती के लिए अधिक उपयुक्त होते हैं। झारखंड राज्य के पूर्वी और पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावाँ जिले काजू की खेती के लिए बहुत उपयुक्त पाए गए हैं। इन जिलों की मिट्टी और जलवायु काजू की खेती के लिए उपयुक्त है।

उन्नत किस्में
नेशनल रिसर्च सेंटर ऑन काजू (पुत्तुर) ने विभिन्न राज्यों के लिए काजू की उन्नत किस्मों की सिफारिश की है। इसके अनुसार यद्यपि झारखंड राज्य के लिए किस्मों की सिफारिश नहीं की गई है, लेकिन जो किस्में उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, बंगाल और कर्नाटक के लिए उपयुक्त हैं, उनकी खेती झारखंड राज्य में भी की जा सकती है। क्षेत्र के लिए काजू की मुख्य किस्में वेगुरला-4, उल्लाल-2, उल्लाल-4, बीपीपी-1, बीपीपी-2, टी-40 आदि हैं।

इस लेख के जरिए आपको पता चल गया होगा कि काजू स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है। इसके साथ ही आपको यह भी पता चल गया होगा कि काजू का इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है। अगर आप सोच रहे हैं कि काजू खाने का सही समय क्या हो सकता है तो बता दें कि जब आपका मन करे तभी काजू खाने का सही समय है। बस इसके सेवन की सही मात्रा का ध्यान रखें, क्योंकि इसके अधिक मात्रा में सेवन से काजू के नुकसान का पता चल सकता है। आशा है आपको यह लेख पसंद आया होगा।

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