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हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में कीर्तिमान स्थापित करेगी योगी सरकार, पीएम मोदी करेंगे नौ मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन

सिद्धार्थनगरः भगवान बुद्ध की क्रीड़ास्थली सिद्धार्थनगर से योगी सरकार सोमवार को एक नया कीर्तिमान स्थापित करने जा रही है। इस दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों नौ नए राजकीय मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन होगा। ऐसा करने वाला उत्तर प्रदेश देश का इकलौता राज्य होगा, जहां किसी राज्य को एक साथ नौ मेडिकल कालेजों और एमबीबीएस के 900 सीटों में प्रवेश संभव होगा। हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश को देश में सिरमौर बनाने में जुटे सीएम योगी के इस प्रयास से क्रांतिकारी बदलाव दिखने लगेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी 75 जिलों में मेडिकल कॉलेज की स्थापना का संकल्प दोहराया है। अब यह संकल्प पूरा होता दिख रहा है। प्रदेश में 59 जिलों में मेडिकल कॉलेज बन चुके हैं अथवा बन रहे हैं। 16 जिलों के लिए भी पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेजों की प्रक्रिया तेजी पर है। गौरतलब है कि वर्ष 2017 के पहले प्रदेश में गिनती में दर्जन भर मेडिकल कॉलेज थे। सिर्फ साढ़े चार सालों में नए मेडिकल कॉलेजों से यूपी नया रिकॉर्ड बनाने की राह पर है। 25 अक्टूबर को प्रधानमंत्री सिद्धार्थनगर, देवरिया, एटा, हरदोई, गाजीपुर, मीरजापुर, प्रतापगढ़, फतेहपुर और जौनपुर के राजकीय मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन करेंगे, तब देश की चिकित्सा व चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ जाएगा।

यह होगी सुविधा
इन मेडिकल कॉलेजों में 300 या उससे अधिक बेड के संसाधनयुक्त अस्पताल होंगे। सभी जगह इसी सत्र से नीट के जरिये एमबीबीएस की 100-100 सीटों पर प्रवेश भी शुरू हो जाएगा। आगामी कुछ सालों में चिकित्सकों की फौज भी खड़ी होने की उम्मीद को नकारा नहीं जा सकता।

बीमारियों से लड़ने में सक्षम हुई पूरब की तराई
सिद्धार्थनगर जिले की गणना पूरब की तराई बेल्ट में होता है। वायरस और बैक्टीरिया जनित रोगों की चपेट में रहने वाला यह इलाका अब स्वास्थ्य का स्वाद चख सकेगा। योगी सरकार के समन्वित प्रयासों से इन्हें काबू में आने की संभावनाएं बलवती हो गयी है। इंसेफेलाइटिस से हर साल बड़ी संख्या में होने वाली मासूमों की मौतों के रुकने की गुंजाइश बढ़ जाएगी। गर्मी और बरसात के मौसम में सामने आने वाले कॉलरा और डायरिया के मरीजों की संख्या भी नियंत्रित हो सकेगी। गोरखपुर-बस्ती के मेडिकल कॉलेज या फिर लखनऊ की भागदौड़ करने वालों को स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने की राह आसान होगी। न सिर्फ बीमारियों बल्कि दुर्घटना की दशा में भी त्वरित इलाज संभव होगा।

गोरखपुर-बस्ती मंडल का कायाकल्प
पहले गोरखपुर-बस्ती मंडल के सात जिलों में चिकित्सा का दारोमदार अकेले गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज पर था। पर, बीते साढ़े चार सालों से यहां चिकित्सा क्षेत्र का कायाकल्प हो रहा है। अब बस्ती में राजकीय मेडिकल कॉलेज दो साल से क्रियाशील है, तो सिद्धार्थनगर और देवरिया में 25 अक्टूबर को इसका शुभारंभ होने जा रहा है। कुशीनगर में 20 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास कर चुके हैं। शेष दो जिलों संतकबीरनगर और महराजगंज में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज बनाने की घोषणा हो चुकी है। इतना ही नहीं, गोरखपुर में एम्स भी बन चुका है जिसका उद्घाटन अगले एक-डेढ़ माह में पीएम ही करेंगे।

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महान विभूतियों के नाम पर बने हैं मेडिकल कॉलेज
मेडिकल कालेजों के माध्यम से योगी सरकार महान विभूतियों का नाम भी प्रतिष्ठित कर रही है। सभी जिलों में बने मेडिकल कॉलेज उस जिले की महान विभूति, सेनानी या महापुरुष के नाम से संचालित होंगे। सिद्धार्थनगर का मेडिकल कॉलेज माधव प्रसाद त्रिपाठी के नाम से है तो देवरिया का मेडिकल कॉलेज महर्षि देवरहा बाबा की याद दिलाता रहेगा। इसी तरह गाजीपुर मेडिकल कॉलेज महर्षि विश्वामित्र के नाम से, मिर्जापुर का मेडिकल कॉलेज मां विंध्यवासिनी के नाम से, प्रतापगढ़ का मेडिकल कॉलेज डॉ. सोनेलाल पटेल के नाम से, एटा का मेडिकल कॉलेज वीरांगना अवंतीबाई लोधी के नाम से, जौनपुर का मेडिकल कॉलेज पूर्व मंत्री उमानाथ सिंह के नाम से, फतेहपुर का मेडिकल कॉलेज अमर शहीद जोधा सिंह अटैया ठाकुर दरियांव सिंह के नाम से संचालित होगा।

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