उत्तर प्रदेश

UP को TB मुक्त बनाने के लिए योगी सरकार ने चलाया विशेष अभियान, अब तक मिले 10,015 मरीज

UP-TB-patient लखनऊ: उत्तर प्रदेश को TB मुक्त बनाने के लिए सरकार ने विशेष अभियान चला रखा है। वहीं योगी सरकार ने यूपी में टीबी स्क्रीनिंग और परीक्षण का दायरा बढ़ाने के उद्देश्य से पूरे राज्य में 23 नवंबर से 5 दिसंबर तक दस दिवसीय विशेष एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान शुरू किया। इसके तहत हर जिले की 20 प्रतिशत शहरी, ग्रामीण बस्तियों और उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों के लिए माइक्रोप्लान तैयार किया गया और घर-घर स्क्रीनिंग के दौरान टीबी के लक्षण वाले 2,78,024 लोगों के बलगम के नमूने एकत्र किए गए।

10,015 लोगों में टीबी की हुई पुष्टि

अभियान के तहत 10,015 लोगों में टीबी की पुष्टि हुई, जिनका इलाज शुरू कर दिया गया है. बलगम जांच से 5342 लोगों में टीबी की पुष्टि हुई, जबकि एक्स-रे जांच से 4673 लोगों में टीबी की पुष्टि हुई। संयुक्त निदेशक (टेरोसिस)/राज्य क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र भटनागर का कहना है कि अभियान में अनाथालय, वृद्धाश्रम, नारी निकेतन, नवोदय विद्यालय, कारागार, सब्जी मण्डी, फल मण्डी, बाल संरक्षण गृह, मदरसे, श्रम बाज़ार, निर्माणाधीन परियोजनाएँ, ईंट भट्टे, स्टोन क्रशर, खदानें, साप्ताहिक बाज़ार जैसे चिन्हित स्थान शामिल होंगे। टीबी से पुष्टि हुए मरीजों के ब्लड शुगर, यूडीएसटी और एचआईवी की भी जांच की गई। इलाज के दौरान टीबी मरीजों को निक्षय पोषण योजना के तहत हर महीने 500 रुपये दिए जाएंगे और उन्हें निक्षय मित्र से भी जोड़ा जाएगा ताकि उन्हें इलाज के दौरान पोषण बंडल मिलने के साथ-साथ भावनात्मक समर्थन भी मिल सके। डॉ. शैलेन्द्र भटनागर का कहना है कि यदि दो सप्ताह से अधिक खांसी रहे, बुखार रहे, वजन कम हो रहा हो, भूख न लगे तो टीबी की जांच जरूर कराएं। सरकारी अस्पतालों में इसकी जांच निःशुल्क की जाती है। अगर जांच में टीबी की पुष्टि हो जाए तो घबराएं नहीं, क्योंकि इसका पूरा इलाज संभव है। ये भी पढ़ें..Ayodhya Airport: अब दून से सीधे राम नगरी अयोध्या पहुंचना होगा आसान

एटा में मिले सबसे ज्यादा 417 मरीज

डॉक्टर द्वारा बताई गई दवा नियमित रूप से लें। इसकी दवा टीबी अस्पताल, डीओटी सेंटर या स्थानीय आशा कार्यकर्ता से निःशुल्क प्राप्त की जा सकती है। ध्यान रखें कि दवा बीच में नहीं छोड़नी चाहिए, नहीं तो टीबी गंभीर रूप ले सकती है। ऐसी स्थिति में इलाज में लंबा समय लग सकता है। डॉ. भटनागर का कहना है कि सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान (एसीएफ) में पंचायत प्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया गया। दस दिवसीय विशेष अभियान के तहत सबसे ज्यादा 477 टीबी मरीज कुशीनगर मिले। इसके अलावा 417 एटा में, 389 आगरा में, 457 महराजगंज में और 367 मरीज गोरखपुर में खोजे गए। वहीं चित्रकूट जिले में सबसे कम 11 लोगों में टीबी पाई गए, जबकि शामली में 27, सोनभद्र में 28, मुजफ्फरनगर में 35 और झांसी में 36 लोगों में टीबी पाई गई। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)