योगी सरकार ने विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों के बैंक खातों में ट्रांसफर किये 56000 करोड़ रुपए

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लखनऊः उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने पिछले साल केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे 56,000 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए। सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर (डीबीटी) के कारण सरकार ने एक वर्ष में 4,402.05 करोड़ रुपये से अधिक की बचत की। प्रवक्ता ने कहा कि विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत धन ट्रांसफर करने में कई अनियमितताएं पहले हुई थीं। यह अब खत्म कर दी गई है। बिचौलियों को प्रक्रिया से हटा दिया गया है और डीबीटी के साथ पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया गया है। राज्य सरकार ने 27 विभागों की 136 योजनाओं के लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे धन ट्रांसफर किया।

पिछले साल कोविड-19 के चलते प्रेरित लॉकडाउन के दौरान सरकार ने लाखों किसानों, मनरेगा श्रमिकों, प्रवासी मजदूरों, महिलाओं, छात्रों और पेंशनरों के खातों में धन ट्रांसफर किया। गैस सिलेंडर पर सब्सिडी के रूप में सरकार ने 2,806.10 करोड़ रुपये, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत 1,412 करोड़ रुपये, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना के तहत 162.58 करोड़ रुपये, वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत 16.69 करोड़ रुपये, 1.55 लाख रुपये राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत, क्षय रोग उन्मूलन योजना के तहत 1.92 लाख रुपये और दिव्यांग पेंशन योजना के तहत 4.63 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए। प्रवक्ता ने कहा कि डीबीटी ने हमें एक लाभार्थी के आधार कार्ड और मोबाइल नंबर को आसानी से सत्यापित करने में मदद की और पैसा बिना किसी बाधा के जन धन खाते में ट्रांसफर किया गया। इससे बिचैलियों को खत्म करने में मदद मिली है और साथ ही यह सुनिश्चित हुआ है कि पैसा वास्तविक लाभार्थियों तक जाए।

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सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि पिछले चार वर्षों में विभिन्न योजनाओं के तहत डीबीटी के माध्यम से किसानों को 2.53 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। इसमें ऋण माफी के रूप में 36,000 करोड़ रुपये, न्यूनतम समर्थन मूल्य के रूप में 64,000 करोड़ रुपये, गन्ना किसानों को 1.22 लाख करोड़ रुपये और पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 2.42 करोड़ किसानों को दिए गए 27,101 करोड़ रुपये शामिल हैं। ग्रामीण विकास विभाग के मुताबिक 5 मार्च 2021 तक 1.14 करोड़ से अधिक श्रमिकों को मनरेगा के तहत रोजगार दिया गया। इस अवधि के दौरान उन्हें 7,669.34 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत काम करने वाली महिला सहायता समूहों और उनके संगठनों को 445.92 करोड़ रुपये की राशि डीबीटी के माध्यम से ट्रांसफर की गई। 1,625.47 करोड़ रुपये पिछले चार वर्षों में ओबीसी छात्रों को छात्रवृत्ति के रूप में, 27.95 लाख निराश्रित महिला पेंशन के लाभार्थियों को और 112.22 करोड़ रुपये कन्या सुमंगला योजना के तहत ट्रांसफर किए गए।