योगी सरकार ने पेश किया 5.5 लाख करोड़ का बजट, हर वर्ग को राहत देने को किये गये अहम प्रावधान

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लखनऊः योगी सरकार ने सोमवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट पेश किया। उत्तर प्रदेश के इतिहास में पहली बार पेपरलेस बजट पेश किया गया। वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने विधानसभा में 5 लाख 50 हजार 270 करोड़ 78 लाख रुपये का बजट पेश किया है। यह अब तक का सबसे बड़ा बजट है। राज्य में पंचायत चुनाव की सरगर्मियों के बीच पेश किए गए इस बजट में सरकार अगले वर्ष के विधानसभा चुनाव के लिए भी पुख्ता जमीन तैयार करने की कोशिश कर रही है। बजट में कन्या सुमंगल योजना के लिए 1200 करोड़, महिला शक्ति केंद्रों के लिए 32 करोड़ रुपये, गांव में स्टेडियम के लिए 25 करोड़ रुपये, संस्कृत स्कूलों में फ्री छात्रावास की सुविधा, बीमा के लिए 600 करोड़ की व्यवस्था, अधिवक्ता चैंबर के लिए 20 करोड़ रुपये, प्रदेश की नहरों के लिए 700 करोड़, डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के लिए 32 करोड़ रुपये, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लिए 1107 करोड़ रुपये, निर्माणाधीन मेडिकल कालेजों के लिए 950 करोड़ रुपये, चित्रकूट में पर्यटन के लिए 20 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है।

वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बजट भाषण में कहा कि 2021-22 का बजट युवाओं और रोजगारों को समर्पित है। प्रदेश की हर महिला को सुरक्षा दे रहे हैं। अपराधियों पर सरकार कठोर कार्रवाई कर रही है। बजट में यूपी को आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य का प्रावधान है। तीन वर्षों में उत्तर प्रदेश में ऑपरेशनल एयरपोर्ट्स की संख्या 4 से बढ़कर 7 हो गई। जनपद अयोध्या में निमार्णाधीन एयरपोर्ट का नाम मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम हवाई अड्डा, अयोध्या होगा। इसके लिए 101 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया। कानपुर मेट्रो रेल परियोजना की अनुमोदित लागत 11,076 करोड़ रुपए है। वित्तीय वर्ष 2021-2022 के बजट में परियोजना को 597 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के प्राथमिक सेक्शन आईआईटी कानपुर से मोतीझील पर ट्रायल रन को जल्द ही किया जाएगा।अयोध्या के विकास के लिए 140 करोड़ का बजट प्रस्तावित है। अयोध्या एयरपोर्ट का नाम पुरुषोत्तम राम के नाम पर रखे जाने की घोषणा के बाद सदन में जय श्रीराम के नारे लगे। लखनऊ में राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल के निर्माण को 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। कोरोना महामारी के कारण लागू लॉकडाउन में प्रदेश के श्रमिकों को रोजगार और स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए नई योजना मुख्यमंत्री प्रवासी श्रमिक उद्यमता विकास योजना लाई जा रही है। इसके लिए 100 करोड़ रुपये प्रस्तावित है। पल्लेदारों, श्रमिक परिवारों और असंगठित क्षेत्र के कामगारों को सामाजिक सुरक्षा के लिए मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना प्रारंभ की जा रही है। इसके लिए 12 करोड़ रुपये की धनराशि प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री जनआरोग्य योजना के लिए 100 करोड़ रुपये की धनराशि की व्यवस्था प्रस्तावित है। वर्ष 2020 पूरे विश्व के लिए अत्यंत चुनौती भरा वर्ष रहा। विश्व की महाशक्ति कहे जाने वाले देशों की चिकित्सा व्यवस्था और अर्थव्यवस्था वैश्विक महामारी के समक्ष असहाय दिखी। भय, मृत्यु और लाचारी, अंधकार भरे काल में भारत के नेतृत्व और भारत की जनता ने पूरे विश्व के समक्ष अनुशासन, संयम और कर्मठता का उदाहरण प्रस्तुत किया।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व और मार्गदर्शन में जनप्रतिनिधियों, चिकित्सकों, पैरामेडिकल कर्मियों, पुलिसबल, सरकारी कर्मचारियों और जन सामान्य ने कोरोना की विभीषिका के समक्ष जिस एकजुटता और जुझारूपन का परिचय दिया उसका वर्णन शब्दों में किया जाना संभव नहीं है। वित्त मंत्री ने कहा कि यकीन हो तो कोई रास्ता निकलता है, हवा की ओट भी ले कर चराग जलता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का चिकित्सा तंत्र, पुलिसकर्मी, परिवहन सेवाएं, खाद्य एवं आपूर्ति सेवाएं तथा अन्य सरकारी कर्मचारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में इस महामारी को परास्त करने के लिए डटे रहे। संक्रमण की रोकथाम के लिए भारत सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अक्षरशः पालन कराया गया। देश की आबादी का छठवां हिस्सा उत्तर प्रदेश में निवास करता है, ऐसी स्थिति में प्रदेश में कोरोना महामारी से निपटने की चुनौती और भी अधिक हो जाती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने दूरदर्शिता का परिचय देते हुए देशव्यापी लॉकडाउन से पूर्व में ही जरूरतमंदों को सहायता उपलब्ध कराने का विचार करने के लिए मार्च 2020 में मंत्री परिषद की तीन सदस्यीय समिति का गठन किया। समिति द्वारा संभावित परिस्थितियों का आकलन करते हुए जरूरतमंदों को सहायता उपलब्ध कराए जाने की वृहद कार्ययोजना सहित अपनी रिपोर्ट लॉकडाउन से पूर्व ही प्रस्तुत कर दी गई।

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उन्होंने कहा कि कार्ययोजना को मूर्त रूप प्रदान करते हुए राज्य के श्रम विभाग में पंजीकृत लगभग 20 लाख श्रमिकों को प्रति श्रमिक एक-एक हजार की दर से भरण पोषण सहायता की उपलब्ध कराई गई। इसके साथ ही शहरों में स्ट्रीट वेंडर, ठेला खोमचा, साप्ताहिक बाजार आदि के दिहाड़ी मजदूरों, पल्लेदारों का डाटा तत्परता से तैयार करते हुए इनको भी सहायता प्रदान की गई। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक रूप से असहाय व्यक्तियों को चिह्नित करते हुए प्रति व्यक्ति एक-एक हजार की सहायता प्रदान की गई। इसी दौरान अन्य प्रदेशों से आने वाले प्रवासी मजदूरों को मनरेगा से जोड़कर सहायता प्रदान की गई। कुल 54 लाख से अधिक व्यक्तियों को भरण-पोषण सहायता प्रदान की गई। वित्त मंत्री ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य है। सड़क हादसे में मरने वाले किसानों को पांच लाख की आर्थिक मदद दी गई। इसी तरह मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना शुरू की गई। हर घर में जल, बिजली और बैंकिंग की सुविधा मिलेगी। महिला सुरक्षा के लिए लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2020-21 का बजट युवाओं और रोजगारों को समर्पित है। कर्मचारियों के वेतन और पेंशन का भुगतान किया गया। प्रदेश की हर महिला को सुरक्षा दे रहे हैं। अपराधियों पर सरकार कठोर कार्रवाई कर रही है। पांच करोड़ बारह लाख छात्रों को डेबिट कार्ड मिले। उत्तर प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य है। शिकायतों का तेजी से निपटारा किया जा रहा है। किसानों के खातों में 6,800 करोड़ से ज्यादा रुपये भेजे गए। इसके साथ ही सरकार ने हर वर्ग को राहत देने के लिए बजट में कई अहम प्रावधान किये हैं। विकास से जुड़ी बड़ी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए जहां धनराशि की व्यवस्था की गयी है, वहीं स्वास्थ्य सेक्टर को लेकर भी पूरा ध्यान रखा गया है। इसके अलावा कृषि, रोजगार सहित अन्य सेक्टर को लेकर भी बजट में धनराशि का इंतजाम किया गया है।