लखनऊः उत्तर प्रदेश सरकार एक ओर अपनी योजनाओं से महिलाओं के मनोबल को बढ़ा रही है वहीं दूसरी ओर मिशन शक्ति जैसे वृहद अभियान से उनको सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन का कवच प्रदान करने के प्रयास में है। प्रदेश सरकार की दो योजनाओं से महिलाओं और बेटियों को लाभ मिल रहा है, जिसमें पति की मृत्यु के बाद निराश्रित महिला पेंशन योजना और मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना से महिलाओं और बेटियों को सीधे तौर पर मदद मिल रही है। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता का कहना है कि मिशन शक्ति अभियान के तहत इन दोनों योजनाओं से नए लाभार्थियों को जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। महिला कल्याण विभाग की ओर से स्वावलंबन कैंप कार्यक्रम का आयोजन कर नई महिलाओं बेटियों के आवेदनों को स्वीकार कर इस योजना के तहत लाभान्वित किया जा रहा है।
महज एक साल में जुड़े 1.73 लाख पात्र नवीन लाभार्थी
प्रवक्ता ने बताया कि साल 2017 से 2021 तक पति की मृत्यु उपरान्त निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत कुल 12.36 लाख नए लाभार्थी जुड़े हैं। वहीं साल 2021-22 में 1.73 लाख पात्र नवीन लाभार्थी जोड़े गए हैं। अब तक 29.68 लाख महिलाओं को लाभान्वित किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि पात्र लाभार्थियों को 500 रुपए प्रतिमाह की दर से 4 तिमाही में पेंशन का भुगतान पीएफएमएस के जरिए से सीधे उनके बैंक खाते में किया जाता है। इसके साथ ही योजना के लिए लाभार्थी की आयु की अधिकतम सीमा को समाप्त करते हुए वार्षिक आय सीमा को बढ़ाकर 2 लाख कर दिया गया है।
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कन्या सुमंगला योजना से संवर रहा बेटियों का भविष्य
सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश में कन्या भ्रूण हत्या को रोकने, बालिकाओं के स्वास्थ्य व शिक्षा को सुदृढ़ करने, बालिका के परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करने साथ ही बालिका के प्रति आम जन में सकारात्मक सोच विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अप्रैल 2019 में मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की शुरुआत की। इस योजना तहत अब तक 9.91 लाख लाभार्थियों को लाभान्वित किया जा चुका है।
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