लखनऊः आत्मनिर्भर यूपी के सपने को साकार करने के लिये राज्य सरकार हथकरघा उद्योग को बढ़ावा दे रही है। सरकार ने प्रदेश में हथकरघा बुनकरों और बुनाई सम्बन्धित विषय की पढ़ाई करने वाले छात्रों को प्रोत्साहित करने का भी काम किया है। कताई और बुनाई विषय की शिक्षा प्राप्त करने वाले इंटर पास छात्रों को प्रतिमाह छात्रवृत्ति दी जा रही है। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता का कहना है कि सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक हथकरघा को अपनाने और बुनकरों को मजबूती देने के लिये राज्य सरकार ने कई कल्याणकारी योजनाएं भी चालू की हैं। उन्होंने बताया कि कताई एवं बुनाई विषय से इण्टरमीडिएट ( कक्षा-11 व 12) की शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों को 500 रुपये प्रतिमाह छात्रवृत्ति दी जा रही है। इसके अलावा बुनाई प्रशिक्षण कालेजों के छात्रों को प्रशिक्षित करने के लिये नवीन हथकरघा की खरीद, उसके विभिन्न उपकरणों डाबी, जैकार्ड, कच्चा माल तथा सूत, रंग-रसायन आदि की खरीद के लिये पांच लाख रुपये प्रति कालेज अनुदान दिया जा रहा है।
प्रवक्ता ने बताया कि सरकार की मंशा प्रदेश में बुनकरों के जीवन को खुशहाल बनाना है। उन्होंने दावा किया कि योगी सरकार के सतत प्रयासों से हथकरघा उद्योग अपने पुराने वैभव को प्राप्त कर रहा है। उत्कृष्ट एवं अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से यह उद्योग देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में आकर्षण का केंद्र बन रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार बुनकरों को मजबूती देने के लिये कई काम कर रही है।
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प्रदेश में हथकरघा वस्त्रों की बुनाई, रंगाई, डिजाइन कार्यों में लगे बुनकर के सहायकों को दो वर्षों तक 1000 रुपये प्रति माह मानदेय दिया जा रहा है। इतना ही नहीं आईआईएचटी वाराणसी में डिप्लोमा कोर्स करने वाले प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष के छात्रों को क्रमशः 500 रुपये, 550 रुपये और 600 रुपये प्रतिमाह छात्रवृत्ति भी दी जा रही है। बुनकर बहबूदी फण्ड से एकत्रित ब्याज की धनराशि से गरीब हथकरघा बुनकरों की पुत्रियों के विवाह के लिये भी प्रति बुनकर 30 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी है।
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