Tuesday, December 24, 2024
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जी-20 सम्मेलन से पहले भिखारियों से मुक्त होगी काशी, पुनर्वास कराने में जुटी सरकार

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वाराणसी: जी-20 सम्मेलन के पहले धर्मनगरी काशी भिखारियों से मुक्त दिखेगी। प्रदेश सरकार के निर्देश पर स्थानीय प्रशासन इसके लिए अभियान चला रही है। जी-20 सम्मेलन के लिए दुनिया के 20 ताकतवर देशों के मेहमान काशी में जुटेंगे। विश्व में सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और धार्मिक पहचान रखने वाली काशी अपने नाम के अनुरूप दिखे इसके लिए प्रदेश की योगी सरकार काशी का कायाकल्प कर रही है।

सरकार भिखारी मुक्त काशी अभियान चला रही है। जिससे जी-20 के मेहमानों के साथ ही दुनियाभर से आने वाले पर्यटक काशी की अच्छी छवि साथ लेकर जाए। सरकार भिक्षावृत्ति में लिप्त लोगों की पहचान, संरक्षण काउंसलिंग व पुनर्वास, करा रही है। बताते चलें भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक राजधानी काशी में पूरे विश्व से सदियों से पर्यटकों आते रहे हैं। काशी के कायाकल्प और नव्य भव्य श्री काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण के बाद दुनियाभर के पर्यटकों में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। जी -20 समेलन में काशी आने वाले विशिष्ट मेहमान व पर्यटक शहर की ख़राब छवि साथ न ले जाए इसके लिए जिला प्रशासन काशी को भिखारियों से मुक्त बनाने की दिशा में गंभीर है।

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जिला समाज कल्याण अधिकारी जीआर प्रजापति ने बताया कि इस अभियान में थानेवार 6 टीम लगी हैं, जिसमे अलग अलग विभागों के 8 से अधिक सदस्य हैं। खासतौर पर मंदिरों, घाटों और अन्य भीख मांगने वाले जगहों पर अभियान चलाया जा रहा है। प्रजापति ने बताया कि भिक्षावृत्ति निवारण अधिनियम 1975 के तहत भिक्षा मांगना अपराध है। इसके लिए भिक्षावृत्ति में लिप्त लोगों को स्वाभिमान का पाठ पढ़ाने के साथ ही उनकी काउन्सलिंग की जा रही, जिससे दोबारा वे भिक्षा न मांगे। लावारिस व दिव्यांगजन अशक्त भिक्षा मांगने वालों को स्वयं सेवी संस्था अपना घर आश्रम में, वृद्ध भिक्षुकों को वृद्धाश्रम में, अस्थायी रूप से रेस्क्यू किये गए भिक्षुकों को शेल्टर होम रखा जा रहा है। दूसरे जिले के भिक्षुकों को उनके गृह जिले में भेजा जा रहा है। भिखारियों का चिह्नीकरण, डाटा संकलन के साथ उनको सचेत किया जा रहा है। पुलिस विभाग को जिम्मेदारी सौंपी गई है की कोई भी भिक्षा मांगने के लिए किसी भी स्थान पर बैठा न मिले, पुलिस लगातार पेट्रोलिग करके ये सुनिश्चित करा रही है।

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