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Yogi Cabinet: यूपी में साइबर क्राइम पर लगेगी लगाम, इन प्रस्तावों पर लगी मुहर

Yogi Cabinet, लखनऊः उत्तर प्रदेश में साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों को देखते हुए योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। राज्य के 57 जिलों में साइबर क्राइम थाने स्थापित किये जायेंगे। मुख्यमंत्री योगी की अध्यक्षता में मंगलवार को लोकभवन में हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। इस फैसले से राज्य के सभी जिलों में साइबर क्राइम थाने मौजूद होंगे। वर्तमान में, राज्य के सभी 18 मंडलों में साइबर अपराध पुलिस स्टेशन मौजूद हैं। अब तक इन थानों की देखरेख आईजी स्तर का अधिकारी करता था, लेकिन सभी जिलों में साइबर क्राइम थाने की स्थापना के बाद पुलिस अधीक्षक इसकी जिम्मेदारी संभालेंगे। कैबिनेट बैठक में कुल 20 प्रस्ताव आए, जिनमें से 19 को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी।

सवा सौ करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होगा

वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने लोकभवन के मीडिया सेंटर में कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य में बढ़ते साइबर अपराध को देखते हुए सभी 75 जिलों में साइबर थाने की जरूरत महसूस की जा रही थी। 18 मंडल मुख्यालयों में पहले से ही साइबर थाने मौजूद हैं, लेकिन अब बाकी 57 जिलों में भी पुलिस थाने स्थापित करने का बड़ा फैसला लिया गया है। इसकी स्थापना पर सरकार पर 1 अरब, 27 करोड़, 24 लाख, 51 हजार रुपये से अधिक का व्यय भार आने का अनुमान है। सरकार इस पर तेजी से काम करने जा रही है और जल्द ही ये थाने स्थापित किये जायेंगे। इससे न सिर्फ साइबर अपराध पर नजर रखने में मदद मिलेगी बल्कि इसके खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करना भी संभव हो सकेगा।

सजा दिलाने में उत्तर प्रदेश सबसे आगे

उन्होंने प्रदेश में साइबर अपराध की मौजूदा स्थिति की जानकारी देते हुए कहा कि साइबर अपराध में सजा के मामले में यूपी शीर्ष पर है। हमारी दोषसिद्धि दर राष्ट्रीय साइबर अपराध दोषसिद्धि दर से कहीं बेहतर है। साइबर अपराध के मामलों में राष्ट्रीय सजा दर 46.5 प्रतिशत है, जबकि हमारी सजा दर 87.8 प्रतिशत है। राज्य में अब तक 838 लोगों को सजा हुई है, जबकि दूसरे नंबर पर मौजूद मध्य प्रदेश में सिर्फ 59 लोगों को सजा हुई है। राज्य में 7122 आपराधिक गिरफ्तारियां हुई हैं, जबकि महाराष्ट्र में 2582 आपराधिक गिरफ्तारियां हुई हैं। उत्तर प्रदेश में 2022 में 10,117 मामले दर्ज किये गये हैं।

इन जिलों में साइबर क्राइम थाने स्थापित किये जायेंगे

उन्नाव,रायबरेली,सीतापुर,हरदोई,लखीमपुर खीरी, कानपुर, देहात, इटावा, फतेहगढ़, कन्नौज, औरैया, मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, बागपत, हापुड़, सुल्तानपुर, बाराबंकी, अमेठी, अम्बेडकर नगर, एटा, हाथरस, कासगंज, मथुरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, जौनपुर, गाजीपुर,चंदौली, महाराजगंज, देवरिया, कुशीनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, बदायूं, शाहजहांपुर, पीलीभीत, रामपुर, बिजनौर, अमरोहा, संभल, प्रतापगढ़, फतेहपुर, कौशांबी, चित्रकूट, हमीरपुर, महोबा, सोनभद्र, भदोही, मऊ, बलिया, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर, ललितपुर, जालौन, मुजफ्फरनगर और शामली।

पीजीआई में खुलेगा एडवांस्ड पीडियाट्रिक सेंटर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी घोषणा को मूर्त रूप देते हुए पीजीआई में एडवांस्ड पीडियाट्रिक सेंटर की स्थापना की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीजीआई में एडवांस्ड पीडियाट्रिक सेंटर की स्थापना की घोषणा की थी, जिस पर कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। यह भी पढ़ेंः-Loksabha election 2024: बसपा ने बनाई नई रणनीति, बीजेपी के इस दांव को अपनाने की तैयारी इसके तहत पीजीआई में दो चरणों में 575 बेड का एडवांस्ड पीडियाट्रिक सेंटर स्थापित किया जाएगा। इसकी लागत 199 करोड़ 10 लाख 52 हजार रुपये आंकी गई है, जिसमें पहले चरण में 308 बेड बनाए जाएंगे। पहले चरण में 12 विभागों को इसमें शामिल किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि इसका निर्माण 18 माह में पूरा किया जाये। एडवांस्ड पीडियाट्रिक सेंटर की स्थापना से बच्चों को यहां सुरक्षित इलाज मिल सकेगा।

अधिवक्ता कल्याण निधि बढ़ाने का निर्णय

सरकार ने अधिवक्ताओं को राहत देते हुए अधिवक्ता कल्याण निधि को 100 करोड़ रुपये बढ़ाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। वित्त मंत्री ने कहा कि किसी वकील की मृत्यु पर उसके परिवार को इस फंड से मदद दी जाती है। पहले यह रकम 1.5 लाख रुपये थी, जिसे बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया। फिलहाल यह फंड 200 करोड़ रुपये का है, इसे 500 करोड़ रुपये तक ले जाने का लक्ष्य है। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)