Home जम्मू कश्मीर Year Ender 2024: जम्मू-कश्मीर में आतंकियों का हुआ सफाया

Year Ender 2024: जम्मू-कश्मीर में आतंकियों का हुआ सफाया

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Year Ender 2024: सुरक्षा बल सीमा पार से आतंकी संगठनों की साजिशों को पूरी तरह से नाकाम कर रहे हैं। सीमा पार से आतंकियों की घुसपैठ को नाकाम करने के साथ ही इलाके में घुसे आतंकियों को भी खोज-खोज कर मारा जा रहा है। इस साल अब तक राज्य में मारे गए 70 आतंकियों में से 42 विदेशी हैं। विदेशी आतंकियों को मार गिराने का यह एक रिकॉर्ड है। सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर की सीमा में घुसने की कोशिश कर रहे 17 विदेशी आतंकियों को एलओसी या आईबी के पास मार गिराया है।

Year Ender 2024: भीतरी इलाकों में हो रहा सफाया

भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों के साथ मिलकर पूरे जम्मू-कश्मीर, खासकर कश्मीर घाटी में आतंकियों और उनके मददगारों की तलाश करने और उन्हें पकड़ने या मार गिराने का अभियान चलाया हुआ है। सीमा पर सीमा सुरक्षा बल और सेना के जवानों की चौकसी इतनी व्यापक है कि आतंकी उनकी नजरों से बच नहीं सकते। राज्य के अंदरूनी इलाकों में आतंकियों को उनके ठिकानों से बाहर आते ही ढेर कर दिया जा रहा है। कुछ दिन पहले ही सुरक्षा बलों ने कुलगाम में भीषण मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के ऑपरेशनल कमांडर समेत पांच आतंकियों को मार गिराया था।

इनके मारे जाने के साथ ही कश्मीर में आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का लगभग सफाया हो गया है। अब कश्मीर में इसके दो से तीन आतंकी ही जिंदा बचे हैं, जो सुरक्षाबलों के निशाने पर हैं और कुछ ही दिनों में मारे जा सकते हैं। सुरक्षाबलों से जुड़े अधिकारियों ने बताया है कि चालू वर्ष में बारामूला, बांदीपोरा, कुपवाड़ा, कुलगाम, जम्मू, उधमपुर, कठुआ, डोडा और राजौरी में सुरक्षाबलों के साथ अलग-अलग मुठभेड़ों में 42 विदेशी आतंकी मारे गए हैं। सबसे ज्यादा 14 विदेशी आतंकी बारामूला जिले में मारे गए हैं। बारामूला के सबूरा नाला उड़ी, चक टप्पर, करीरी, कमालकोट उड़ी, नौपोरा, हादीपोरा, सागीपोरा, वतरगाम और राजपोरा सोपोर में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच कई मुठभेड़ हो चुकी हैं।

इस वर्ष सबसे ज्यादा 12 आतंकी कुपवाड़ा जिले में मारे गए हैं। अखनूर सेक्टर में हुई मुठभेड़ में तीन विदेशी आतंकी मारे गए हैं। डोडा जिले में दो मुठभेड़ों में चार आतंकी मारे गए हैं। कठुआ के सईदा हीरानगर में दो विदेशी आतंकी मारे गए हैं। उधमपुर के खांड्रा टॉप बसनगढ़ में भी दो विदेशी आतंकी मारे गए हैं। श्रीनगर जिले में जैश-ए-मोहम्मद का एक विदेशी आतंकी मारा गया।

Year Ender 2024: शांति और समृद्धि पर सेना का फोकस

बांदीपोरा में एक और कुलगाम में एक विदेशी आतंकी मारा गया है। राजौरी जिले के नौशेरा में इस साल दो विदेशी आतंकी मारे गए हैं। कुछ दिन पहले आतंकी फारूक अहमद बट उर्फ ​​नल्ली और उसके चार साथियों के मारे जाने के एक दिन बाद हिजबुल मुजाहिदीन ने जम्मू-कश्मीर में अपने संगठन की कमान तारिक उल इस्लाम नाम के आतंकी को सौंप दी है। इसके अलावा गाजी महमूद गजनवी को दक्षिण कश्मीर का डिप्टी चीफ ऑपरेशनल कमांडर बनाया गया है। हिजबुल ने नए आतंकी कमांडरों को आतंकी गतिविधियां बढ़ाने और नई भर्ती में तेजी लाने का आदेश दिया है। सैयद सलाहुद्दीन की मौजूदगी में जम्मू-कश्मीर में हिजबुल की सुप्रीम कमांड काउंसिल की बैठक में इन दोनों नामों पर सहमति बनी है।

उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ सेना का फोकस हिंसा के चक्र को तोड़ने और आतंकवादी पारिस्थितिकी तंत्र को नष्ट करने और युवाओं को सशक्त बनाने पर है। उन्होंने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में शांति, समृद्धि और सुरक्षा स्थिति में सुधार भारतीय सेना और अन्य एजेंसियों के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है। फिलहाल पूरा फोकस हिंसा के चक्र को तोड़ने, आतंकवादी नेटवर्क को नष्ट करने, युवाओं और महिलाओं को सशक्त बनाने बनाने पर है।

उन्होंने बताया कि पिछले पांच सालों में सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर में 720 आतंकवादियों को मार गिराया है। जहां तक ​​बचे हुए आतंकवादियों का सवाल है, विभिन्न एजेंसियां ​​आंकड़ों को अपडेट कर रही हैं जो 120 से 130 के बीच हैं। भर्ती के आंकड़े अब सिंगल डिजिट में हैं और यह अपने सबसे निचले स्तर पर है। उन्होंने कहा कि हमारी सफलताओं से विरोधी हताश हैं। उनका लक्ष्य आतंकवादियों को पार करना है, लेकिन हमने घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम कर दिया है। उनका लक्ष्य आबादी में डर फैलाना है, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे। शांति, समृद्धि और सुरक्षा स्थिति में सुधार भारतीय सेना और अन्य सभी एजेंसियों और हितधारकों के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है।

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भारतीय सेना जम्मू और लद्दाख के लोगों को सुरक्षित और संरक्षित वातावरण प्रदान करने के लिए प्रयास करना जारी रखेगी। परिणाम प्राप्त करने के लिए विभिन्न एजेंसियां ​​ऑपरेशन चला रही हैं। ग्राम रक्षा समूहों ने दशकों से दूरदराज के क्षेत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की है। वीडीजी सेटअप को मजबूत किया जा रहा है, 600 से अधिक वीडीजी स्थापित किए जा रहे हैं और उन्हें 10,000 आधुनिक हथियार दिए जा रहे हैं। उन्हें प्रशिक्षित भी किया जा रहा है।

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