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यशवंत सिन्हा हो सकते हैं राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के साझा उम्मीदवार

कोलकाताः भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर तृणमूल में शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा का राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष का साझा उम्मीदवार होना लगभग तय हो चुका है। मंगलवार को उन्होंने खुद ही इस बात के संकेत दे दिए हैं। एक ट्वीट कर उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का आभार जताया और खुद को पार्टी के कार्यों से अलग करने की जानकारी दी है।

पिछले हफ्ते ममता बनर्जी दिल्ली गई थीं और खबर है कि विपक्ष की बैठक में उन्होंने यशवंत सिन्हा के नाम का प्रस्ताव राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर दिया था। हालांकि तब उस पर सहमति नहीं बन पाई थी। विपक्ष ने शरद पवार, फारूक अब्दुल्ला और गोपाल कृष्ण गांधी को भी राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने की पेशकश की थी लेकिन तीनों नेताओं ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था जिसके बाद अब यशवंत सिन्हा के नाम पर सहमति बनती दिख रही है। मंगलवार को यशवन्त सिन्हा ने ट्विटर पर ममता बनर्जी का आभार जताते हुए लिखा, टीएमसी में उन्होंने मुझे जो सम्मान और प्रतिष्ठा दी, उसके लिए मैं ममता बनर्जी का आभारी हूं। अब एक समय आ गया है, जब एक बड़े राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए मुझे पार्टी से हटकर विपक्षी एकता के लिए काम करना चाहिए। मुझे यकीन है कि पार्टी मेरे इस कदम को स्वीकार करेगी।

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बताया जा रहा है कि तृणमूल आज होने वाली विपक्ष की बैठक में राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार के रूप में यशवंत सिन्हा के नाम का प्रस्ताव रखेगी। तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से इस मामले पर चर्चा करने के बाद सिन्हा ने प्रस्ताव पर सहमति जताई है। इसके पहले महात्मा गांधी के पोते गोपाल कृष्ण गांधी ने सोमवार को ही विपक्ष के नेताओं को राष्ट्रपति पद के लिए उनका नाम सुझाने पर धन्यवाद देते हुए चुनाव लड़ने न लड़ने की इच्छा जताई थी। ऐसे में अब विपक्ष यशवंत सिन्हा को मैदान में उतार सकता है।

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