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21 मई को खत्म हो रहा बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी का अल्टीमेटम, पहलवानों की बड़े एक्शन की तैयारी

wrestlers-protest-delhi नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पहलवानों का धरना प्रदर्शन (wrestlers protest ) जारी है। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी का अल्टीमेटम 21 मई को समाप्त हो रहा है। जिसको लेकर दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर और दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी है। दरअसल यह तैयारी विरोध करने वाले पहलवानों के साथ किसानों की एकजुटता की उम्मीद को लेकर जा रही है। पुलिस के मुताबिक, दिल्ली में प्रवेश करने वाले वाहनों की जांच की जाएगी और सीमावर्ती इलाकों में अतिरिक्त पिकेट लगाए जाएंगे। विरोध स्थल पर, सुरक्षा उपायों को मजबूत करते हुए रणनीतिक रूप से बहु-परत बैरिकेड्स की एक श्रृंखला स्थापित की गई है। एक अधिकारी ने कहा, "सीसीटीवी कैमरों की सहायता से क्षेत्र की निरंतर निगरानी की जा रही है, चौबीसों घंटे निगरानी सुनिश्चित की जा रही है। ये भी पढ़ें..सिद्धारमैया आज संभालेंगे कर्नाटक की कमान, डीके शिवकुमार के भी लेंगे मंत्री पद की शपथ गौरतलब है कि 7 मई को जंतर-मंतर पर खापों की महापंचायत हुई थी। इस महापंचायत में बृजभूषण की गिरफ्तारी के लिए सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया गया। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा था कि हल न निकलने पर 21 मई को फिर महापंचायत होगी, जिसमें बड़े से बड़ा निर्णय लेने से पीछे नहीं हटेंगे। दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के भी बयान दर्ज कर लिए हैं। वहीं जनवरी में महिला बॉक्सर और राज्यसभा सदस्य मैरी कॉम की अध्यक्षता में बनाई गई ओवरसाइट कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। ऐसे में अब देखना होगा कि आने वाली 21 मई की तारीख इस प्रदर्शन को क्या नया मोड़ देती है..। सुरक्षा कर्मियों की बढ़ती उपस्थिति को प्रदर्शित करते हुए गश्त के प्रयासों को तेज किया जाना तय है। अगर स्थिति की जरूरत पड़ी तो तुरंत अतिरिक्त जवानों को तैनात किया जाएगा।' पिछले 26 दिनों से जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।  डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ दो अलग-अलग प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की गई हैं। पहली प्राथमिकी एक नाबालिग द्वारा लगाए गए आरोपों के साथ POCSO के तहत दर्ज की गई है। दूसरी प्राथमिकी वयस्क शिकायतकर्ताओं द्वारा की गई शिकायतों की व्यापक जांच पर केंद्रित है और इसमें शील भंग करने से संबंधित आईपीसी की प्रासंगिक धाराएं शामिल हैं। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)