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नई दिल्लीः भारतीय पहलवानों ने कुश्ती महासंघ (WFI)के मोर्चा खोल दिया है। दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दे रहे पहलवान अपनी मांगों को लेकर डटे हुए है। इन पहलवानों की मांग है कि जब तक कुश्ती फेडरेशन के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर कार्रवाई नहीं होती है तब तक वे जंतर-मंतर से नहीं हटेंगे। वहीं जंतर मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों के समर्थन में अब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) उतरी गई है। ABVP ने सरकार से उनकी उचित मांगों पर शीघ्र विचार कर कार्रवाई करने की मांग की है।
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पहलवानों का समर्थन करते हुए ABVP ने कहा है कि खिलाड़ी देश का गौरव और मान होते हैं। इसलिए दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे खिलाड़ियों की उचित मांगों तथा समस्याओं पर सरकार को उच्चस्तरीय समिति का गठन कर इनकी समस्याओं का शीघ्र निराकरण करना चाहिए। ABVP के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा है, “ओलंपिक तथा कॉमनवेल्थ खेलों में देश का मान बढ़ाने वाले खिलाड़ियों की समस्यायों तथा मांगों पर सरकार को शीघ्र निर्णय लेना होगा। दिल्ली में हुए खिलाड़ियों के प्रदर्शन से जो मुद्दे उठे हैं, उन पर सरकार को जांच कर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए तथा तथ्यों के आधार पर खिलाड़ियों के हित में कदम उठाए जाएं।”
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महामंत्री कहा, “बीते समय में अलग-अलग खेल निकायों पर प्रश्न खड़े हुए हैं, जो कि आदर्श स्थिति नहीं है। भारत सरकार तथा खेल मंत्रालय उपर्युक्त विषयों पर गंभीरता से विचार कर निर्णय ले, जिससे खिलाड़ियों को किसी भी प्रकार की समस्या न हो तथा वे पूरी शक्ति से अच्छा खेल सकें।”
जानें क्या है पूरा मामला ?
बता दें कि ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली रेसलर विनेश फोगाट ने आरोप लगाया है कि सालों से राष्ट्रीय कोचों ने महिला पहलवानों से छेड़छाड़ और उनका यौन शोषण किया है। विनेश ने आरोप लगाते हुए कहा “हमें धमकाया गया कि अगर हम कुछ बोलेंगे तो हमारा करियर खत्म हो जाएगा। फेडरेशन के सदस्यों ने महिला रेसलरों के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा हम लोगों ने पीएम से भी संपर्क किया है, कुछ कोच राष्ट्रीय महासंघों के करीबी हैं, उन कोचों ने युवा लड़कियों का शोषण किया है और ना जाने कितनी युवा लड़कियों ने उनकी वजह से दर्द सहा है।”
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