नई दिल्लीः महंगाई (inflation) के र्मोचे पर आम आदमी को राहत देने वाली खबर है। खुदरा महंगाई के बाद थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित महंगाई दर में बड़ी गिरावट आई है। मार्च में थोक महंगाई दर 29 महीने के निचले स्तर 1.34 फीसदी पर आ गई है। फरवरी में यह 3.85 फीसदी और जनवरी में 4.73 फीसदी रही थी। हालांकि मार्च 2022 में थोक महंगाई दर 14.62 फीसदी थी।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने सोमवार को जारी आंकड़ों में बताया कि मार्च में थोक महंगाई दर (inflation) घटकर 1.34 फीसदी रही है। डब्ल्यूपीआई पर आधारित थोक महंगाई दर में ये गिरावट मुख्य रूप से विनिर्मित वस्तुओं और ईंधन की कीमतों में कमी की वजह से आई है। हालांकि, खाद्य वस्तुओं की महंगाई मार्च महीने में बढ़कर 5.48 फीसदी पर पहुंच गई है, जो फरवरी में 3.81 फीसदी रही थी।
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आंकड़ों के मुताबिक मार्च महीने में गेहूं और दालों की थोक महंगाई दर क्रमश: 9.16 फीसदी और 3.03 फीसदी रही। सब्जियों की महंगाई दर 2.22 फीसदी रही है, जबकि मार्च में तिलहन की थोक महंगाई दर 15.05 फीसदी रही है। हालांकि ईंधन और बिजली की थोक महंगाई मार्च में घटकर 8.96 फीसदी पर आ गई, जो फरवरी में 14.82 फीसदी थी। मार्च महीने में खाद्य महंगाई दर 2.32 फीसदी रही। इससे पिछले महीने फरवरी में खाद्य महंगाई दर 2.76 फीसदी थी।
मंत्रालय के मुताबिक, मैन्युफैक्चरिंग उत्पादों की थोक महंगाई दर मार्च में घटकर 0.77 फीसदी रह गई, जबकि फरवरी में यह 1.94 फीसदी थी। आलू की थोक महंगाई मार्च में घटकर -23.67 फीसदी पर आ गई, जबकि फरवरी में यह -14.30 फीसदी थी। हालांकि प्याज की थोक महंगाई दर मार्च में मामूली बढ़कर -36.83 फीसदी हो गई, जबकि फरवरी में यह -40.14 फीसदी थी। उल्लेखनीय है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा महंगाई मार्च में 15 महीने के निचले स्तर 5.66 प्रतिशत पर आ गई थी, जो फरवरी में 6.44 प्रतिशत थी।
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