नई दिल्लीः भारतीय परंपरा में वसंत पंचमी का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। वसंत पंचमी का त्यौहार भारत के हर राज्य में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। वसंत पंचमी का त्यौहार हर वर्ष माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि का मनाया जाता है। आज के दिन मां सरस्वती की पूजा बड़े ही विधि-विधान के साथ की जाती है। आज के दिन से मौसम और खेत खलिहान भी वसंत के आने का संकेत देने लगते है। खेतों में सरसों के फूल लहलहाने लगते हैं और आम के पेड़ों पर बौर भी आ जाती है। जिसे देखकर एक अलग ही उल्लास का भाव मन में आने लगता है।
वसंत पंचमी के दिन विद्यार्थियों को मां शारदा की पूजा वंदना करनी चाहिए। क्योंकि मां शारदा विद्या, बुद्धि और कला की देवी होती हैं और आज के दिन उनकी वंदना करने से मां सरस्वती की कृपा बनी रहती है और विद्यार्थी प्रगति के पथ पर अग्रसर होता है। मां सरस्वती की पूजा के लिए प्रातःकाल के समय घर की साफ सफाई करने के बाद स्नानादि से निवृत्त होकर पूजा की तैयारी करें। पूजा के लिए सर्वप्रथम मां सरस्वती की मूर्ति को गंगा जल से स्नान करायें। इसके बाद मां सरस्वती को सफेद वस्त्र चढ़ायें।
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मां सरस्वती का प्रिय रंग सफेद और पीला माना जाता है। इसके बाद मां सरस्वती का श्रृंगार कर पीले चंदन से तिलक करें। इसके बाद मां शारदा को पीला या सफेद फूल की माला पहनायें। मां सरस्वती की धूप और दीप से आरती करें। पूजा के समय मां सरस्वती को खीर या सफेद मिठाई का भोग लगायें। इसके बाद सरस्वती मंत्र और आरती अवश्य करें। विद्यार्थियों को आज के दिन अपनी पुस्तकों की भी पूजा करनी चाहिए। संगीत की विद्या लेने वाले लोगों को भी आज के दिन मां वीणावादिनी की आराधना अवश्य करनी चाहिए।