शुक्रवार को मां संतोषी की आराधना करने से होती है मनोवांछित वर की प्राप्ति

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नई दिल्लीः शुक्रवार के दिन मां संतोषी की पूजा अर्चना करने में सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। माता संतोषी का व्रत कर सच्चे मन से पूजा आराधना से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। माता संतोषी भगवान गणेश की पुत्री हैं। हिंदू मान्यताओं के अनुसार यदि कोई भी व्यक्ति 16 शुक्रवार माता संतोषी का व्रत कर विधि विधान के साथ पूजा करता है तो उस पर मां संतोषी की कृपा सदैव बनी रहती है और उसे सभी मनोवांछित वस्तुओं की प्राप्ति भी होती है।

मां संतोषी को प्रेम, संतोष, क्षमा और आशा का प्रतीक भी माना जाता है। माता संतोषी का व्रत करने वाले को प्रातःकाल के समय घर की सफाई करने के बाद स्नान करने कर घर अथवा मंदिर में उनकी पूजा करनी चाहिए। मां संतोषी को भुने हुए चने और गुड़ का भोग लगाया जाता है। इसके बाद मां संतोषी की व्रत कथा को सुनना चाहिए। इसके पश्चात संतोषी चालीसा का पाठ कर आरती अवश्य करनी चाहिए। पूजा के पश्चात माता को लगाया गया भोग घर के सभी सदस्यों में अवश्य वितरित करना चाहिए।

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मां संतोषी का व्रत करने वाले को इस बात का विशेष ध्यान देना चाहिए कि शुक्रवार के दिन खट्टी चीजों से परहेज अवश्य करें और दिन में एक ही समय आहार ग्रहण करें। मां संतोषी का व्रत करने वाली युवतियों को सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है। इस दिन व्रत करने से घर में सुख-समृद्धि और पुण्यफल की प्राप्ति होती है। सुहागिन महिलाओं को मां संतोषी का व्रत करने से संतान की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही व्यक्ति को कारोबार में लाभ होता है। संतोषी माता का व्रत अगर पूरी श्रद्धा से किया जाए तो भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।