जानिए क्या है वैदिक घड़ी, जिसका पीएम मोदी आज करेंगे उद्घाटन

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भोपालः मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर के नाम एक और उपलब्धि होने जा रही है। बहुप्रतीक्षित ‘वैदिक घड़ी’ (Vedic clock) यहां गऊघाट स्थित जीवाजीराव वेधशाला में स्थापित कर दी गई है। अब इस काल गणना वाली घड़ी से भी शुभ मुहूर्त देखा जा सकेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (गुरुवार) शाम 4 बजे भोपाल के लाल परेड ग्राउंड से उज्जैन में स्थापित इस विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का वर्चुअल उद्घाटन करेंगे।

एक विश्वसनीय पद्धति

इस संबंध में विभागीय अधिकारी बिंदु सुनील ने बताया कि भारतीय कालक्रम विश्व की सबसे प्राचीन, सटीक, शुद्ध, त्रुटि रहित, प्रामाणिक एवं विश्वसनीय पद्धति है। समय मापने की इस सबसे विश्वसनीय पद्धति की शुरुआत उज्जैन में पुनर्स्थापित विक्रमादित्य वैदिक घड़ी के रूप में की जा रही है। सृष्टि के आरंभ से ही उज्जयिनी की स्थापना को मान्यता दी गई है।

उन्होंने कहा, उज्जयिनी से कालक्रम निर्धारण और प्रसारण पूरे विश्व में मानक रहा है। भारतीय खगोलीय सिद्धांत और ब्रह्मांड के ग्रहों और तारों की गति के आधार पर भारतीय समय गणना में समय का न्यूनतम अंश भी शामिल किया जाता है। इसकी गणना परमाणु से लेकर कल्प तक सब पर विचार करती है। मुहूर्त, घटी, पल, काष्ठ, प्रहर, दिन-रात, पक्ष, अयन, संवत्सर, दिव्यवर्ष, मन्वन्तर, युग, कल्प, ब्रह्मा ये मुख्य आधार हैं। हमारे द्रष्टा ऋषियों ने समय की चक्रीय अवधारणा प्रतिपादित की है जिसमें सत्ययुग, त्रेता, द्वापर, कलियुग की व्यवस्था निरंतर है और ये चक्र अनंत काल तक आते-जाते रहते हैं और दोहराते रहते हैं।

फिर से लोग जानेंगे भारतीय काल गणना

विक्रमादित्य वैदिक घड़ी भारतीय काल गणना पर आधारित दुनिया की पहली घड़ी है, जो वैदिक समय गणना के सभी घटकों को मिलाकर बनाई गई है। इस घड़ी में भारतीय कैलेंडर भी शामिल होगा। विक्रम संवत माह, ग्रह स्थिति, योग, भद्रा स्थिति, चंद्र स्थिति, त्योहार, शुभ मुहूर्त, घटी, नक्षत्र, जन्मोत्सव, व्रत, त्योहार, चौघड़िया, सूर्य ग्रहण, चंद्र ग्रहण, आकाश, ग्रह, नक्षत्र, ग्रहों की परिक्रमा प्राकृतिक रूप से होती है वो इसमें मौजूद हैं। विक्रमादित्य वैदिक घड़ी (वीटीएस) = 1.25 समय क्षेत्र – सूर्योदय पर आधारित जो वैदिक आधार है। इसका माप डोंगला स्थित वेधशाला के आधार पर किया गया है।

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विक्रमादित्य वैदिक घड़ी के ग्राफिक्स में सभी ज्योतिर्लिंग, नवग्रह, नक्षत्र, सूर्योदय, सूर्यास्त आदि शामिल हैं। विक्रमादित्य वैदिक घड़ी गलतफहमी के कारण अंतरराष्ट्रीय समय गणना में कोई व्यवधान पैदा किए बिना भारतीय काल गणना की परंपरा को बहाल करने का एक छोटा सा प्रयास है। ग्रीनविच मीन टाइम ग्रेगोरियन कैलेंडर जो देश और दुनिया में जबरदस्ती थोपा गया है।

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