World Population: 8 अरब के पार हो गई दुनिया की आबादी, इन देशों की सबसे ज्यादा है जनसंख्या

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World Population: विश्व की जनसंख्या आठ अरब से अधिक हो गई है, लेकिन विश्व जनसंख्या वृद्धि में धीमी गति का दीर्घकालिक दीर्घकालिक प्रवृत्ति जारी है। अमेरिकी जनगणना ब्यूरो ने गुरुवार को यह बात कही। अमेरिकी जनगणना ब्यूरो का अनुमान है कि वैश्विक जनसंख्या 26 सितंबर को इस सीमा को पार कर गई। विश्व की जनसंख्या 7 अरब से 8 अरब होने में 12 साल लगे, लेकिन अब विश्व की जनसंख्या 8 अरब से 9 अरब होने में लगभग 15 साल लगेंगे।

इससे पता चलता है कि विश्व में जनसंख्या वृद्धि दर कम हो रही है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, 2022 से 2050 के बीच 61 देशों या क्षेत्रों की जनसंख्या में 1 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है। ब्यूरो के अनुसार, यह विसंगति देशों द्वारा अलग-अलग जनगणना पद्धतियों के कारण या बिल्कुल भी गिनती न करने के कारण हो सकती है। इसके अनुसार, कई देशों में जन्म और मृत्यु को रिकॉर्ड करने की व्यवस्था का अभाव है।

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इन देशों में मृत्यु दर में आई गिरावट

ब्यूरो के अनुसार, भारत और नाइजीरिया जैसे कुछ सबसे अधिक आबादी वाले देशों ने एक दशक से अधिक समय से जनगणना नहीं की है। विश्व जनसंख्या वृद्धि की दर 1960 और 2000 के बीच दोगुनी होने के बाद से धीमी हो गई है। कनाडा जैसे देशों में वृद्धावस्था मृत्यु दर में गिरावट आ रही है, जबकि नाइजीरिया जैसे देशों में पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर में गिरावट देखी गई है।

UN की रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक जनसंख्या के आंकड़े देखें तो गरीब देशों में जनसंख्या वृद्धि की दर में बढ़ोतरी देखी गई है। इसमें ज्यादातर उप-सहारा अफ्रीका के देश हैं। जनसंख्या वृद्धि की दर में कमी आने से पर्यावरण को तेजी से पहुंच रहे नुकसान को कम करने में भी सहायता मिल सकती है। 2022 में दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाले 2 क्षेत्र एशिया से हैं। इनमें दक्षिण-पूर्व एशिया (2.3 अरब) और 2.1 अरब आबादी वाला मध्य-दक्षिण एशिया क्षेत्र शामिल हैं।

अधिक जनसंख्या का कारण भारत और चीन

इन दोनों क्षेत्रों में अधिक जनसंख्या का कारण चीन और भारत हैं। दोनों देशों की आबादी 1.4 अरब से ज्यादा आंकी गई है। 2050 तक विश्व जनसंख्या में वृद्धि 8 देशों में केंद्रित होगी। इसमें भारत, पाकिस्तान, कांगो, मिस्र, इथियोपिया, नाइजीरिया, फिलीपींस और तंजानिया शामिल हैं। जनसंख्या वृद्धि आंशिक रूप से तब होती है जब मृत्यु दर में गिरावट आती है। वैश्विक स्तर पर देखा जाए तो मृत्यु दर में भी गिरावट आई है।

2019 की गणना के अनुसार विश्व की औसत मृत्यु दर 72.8 वर्ष है। 1990 के बाद से इसमें करीब 9 साल की बढ़ोतरी हुई है और 2050 तक यह करीब 77.2 साल तक पहुंच सकती है। इसका मतलब है कि आने वाले समय में मृत्यु दर और कम हो जाएगी और इंसानों की औसत उम्र बढ़ जाएगी।

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