World Lung Cancer Day : लंग्स हमारे शरीर के अहम अंगों में से एक हैं, जो हमें एक स्वस्थ जीवन जीने में मदद करते हैं। हालांकि, इन दिनों हमारी लाइफस्टाइल में तेजी से बदलाव होने लगा है, जिसका असर हमारी फिजिकल और मेंटल हेल्थ दोनों पर ही दिखने लगा है। काम का बढ़ता बोझ और खानपान की गलत आदतें कई समस्याओं और बीमारियों की वजह बन जाती हैं।
इन्ही बीमारियों में से एक है Lung Cancer जिनके मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। लंग कैंसर दुनियाभर में कैंसर से होने वाली मौतों का प्रमुख कारण है। आज के समय में कई लोग इस बीमारी की चपेट में तेजी से आ रहे है।
World Lung Cancer Day 01 अगस्त को मनाया जाता है
देश भर में तेजी से बढ़ रहे लंग कैंसर के लक्षणों को देखते हुए हर साल 1 अगस्त को World Cancer Day मनाया जाता है। आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि लंग कैंसर स्मोकिंग करने वालों को होता है, हालांकि ये बात काफी हद तक सही भी है। लेकिन एक स्टडी में पता चला है कि, भारत में लंग कैंसर के 50% से ज्यादा मरीज है जो धूम्रपान नही करते है।
इन लोगों को है ज्यादा खतरा
प्रदूषण में ऐसे केमिकल होते हैं, जो कैंसर का कारण बनते हैं, जैसे हैवी मेटल्स और पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन जो सीधे तौर पर कैंसर को बढ़ावा देने में मदद करते है। अब ऐसे में उन लोगों के लिए जो सड़कों या इंडस्ट्रीयल एरिया के आस-पास रहते है उनके लिए खतरा ज्यादा बढ़ जाता है।
प्रदूषण और लंग कैंसर में कनेक्शन
डॉक्टर्स का कहना है कि, वायु प्रदूषण से फेफड़ों के कैंसर का खतरा काफी बढ़ जाता है। वायु प्रदूषण में मौजूद नाइट्रोजन डाइऑक्साइड , ओजोन , और फाइन पार्टीकुलेट मैटर इसके लिए जिम्मेदार होते हैं। ये फाइन पार्टिकल्स में सर्कुलेशन में एंट्री कर और फेफड़ों में गहराई तक जाने की क्षमता होती है। ऐसे में लंबे समय तक इन दूषित पदार्थों के संपर्क में रहने से पल्मोनरी टिश्यू डैमेज और लगातार सूजन हो सकती है। इस डैमेज की वजह से फेफड़ों के सेल्स का DNA बदल सकता है, जिससे म्यूटेशन की संभावना बढ़ जाती है और यही कैंसर का मुख्य कारण बनता है।
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