ओरेगॉनः भारत की स्टार जेवलिन थ्रोअर अनु रानी (Annu Rani) वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पदक जीतने से चूक गईं। महिला भाला फेंक स्पर्धा के फाइनल में सातवें स्थान पर रहीं। उन्होंने 61.12 मीटर थ्रो का सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया। ऑस्ट्रेलिया की केल्सी-ली बार्बर ने 66.91 मीटर थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता, जबकि यूएस की कारा विंगर ने 64.05 के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ रजत पदक जीता, जो उनके अंतिम प्रयास में आया था। जापान की हारुका कितागुची ने 63.27 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ कांस्य पदक जीता।
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रानी (Annu Rani) ने फाइनल में 56.18 मीटर के थ्रो के साथ अपने अभियान की शुरुआत की, जिसके बाद वह बारह में से नौवें स्थान पर रहीं। अपने दूसरे प्रयास में उन्होंने 61.12 मीटर का प्रभावशाली प्रदर्शन किया, जिसने उसे छठे स्थान पर धकेल दिया। हालांकि, उसका तीसरा और चौथा प्रयास निराशाजनक रहा, क्योंकि वह क्रमशः 59.27 मीटर और 58.14 के थ्रो हासिल कर सकी, जिससे वह सातवें स्थान पर खिसक गई। बार्बर ने इस समय 66.91 मीटर के साथ बढ़त बनाई। रानी अपने अंतिम दो प्रयासों में 59.98 मीटर और 58.70 के थ्रो के बाद सातवें स्थान पर रही। हालांकि वह पदक तो नहीं हासिल कर सकीं, लेकिन वह विश्व चैंपियनशिप में शीर्ष आठ में दो स्थान हासिल करने वाली दूसरी भारतीय महिला जरूर बन गईं।
बता दें कि अनु रानी ने गुरुवार को यहां अपने आखिरी प्रयास में 59.60 मीटर भाला फेंक कर विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के फाइनल्स के लिये क्वालीफाई किया था। अनु पर शुरू में ही बाहर होने का खतरा मंडरा रहा था क्योंकि उनका पहला प्रयास 'फाउल' हो गया था जबकि दूसरे प्रयास में वह 55.35 मीटर तक ही भाला फेंक पायी थी। आखिर में वह 59.60 मीटर भाला फेंकने में सफल रही जो फाइनल्स में जगह बनाने के लिये पर्याप्त था।
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