सोनीपत: राष्ट्र संत उपाध्याय डॉ. गुप्ति सागर जी महाराज ने कहा है कि खुश रहने के लिए काम मत करो, खुश होकर काम करोगे तो खुशहाल हो जाओगे। महाराज श्री गन्नौर में जीटी रोड स्थित गुप्तिधाम में शनिवार को क्षमा वाणी एवं तपष्वी सम्मान समारोह में मंगलकारी प्रवचनों की रसधारा प्रवाहित कर रहे थे।
इस मौके पर गन्नौर के अलावा सोनीपत, नोएडा, गाजियाबाद, चंडीगढ, हरिद्वार, पानीपत, गढ़ाकोटा, हजारी बाग, बावना गज मध्य प्रदेश, दिल्ली आदि भारी संख्या में जैन मतावलंबी शामिल हुए। महाराज श्री ने जीवन निर्माण के सूत्र और मंत्र दिए ओर कहा कि पॉजिटिव व्यक्तित्व से जीवन का नया क्षितिज निर्मित होता है। पॉजिटिव तरंगे व्यक्तित्व विकास के लिए दिनकर की तरह ओज भरने वाली होती है। सफल व्यक्तित्व के लिए सदैव दिमाग ठंडा रखने की जरूरत है। दिल में रहम, जूबां नरम, आंखों में शर्म फिर देखो सब कुछ तुम्हारा ही है। सफलता एक सुन्दर पुष्प है उसे विनम्रता से प्राप्त कीजिए।
उन्होंने कहा कि जिनके मन में पॉजिटिव विचार होते हैं वे संसार में भी सुख खोज लेते हैं उनके लिए विष का प्याला भी अमृत का काम कर जाता है। बुराई में से भी अच्छाई की गवेशना (खोज) कर लेते हैं। वो तटस्थ हो किसी भी घटना को देखते हैं नजरिया अपना होता है तो नजरा बदल जाता है। समारोह में सोलह कारण उपवास रीना जैन ने रखे, 20 सदसयों ने 10 उपवास, तीन ने पांच उपवास, तीन ने तीन उपवास रखे इन सभी को महाराज श्री के परम सांनिंध्य में सम्मानित किया गया।
ब्रह्मचारिणी रंजना शास्त्री व ब्रह्मचारिणी साधना, ब्रह्मचारी अशोक, ब्रह्मचारी धीरज, राहतगढ मध्य प्रदेश, शेखर पाठनी, गाजियाबाद से अशोक जैन, ब्रीजबाला, अनिल जैन, रेखा जैन चंडीगढ, गुप्ति सागर विद्यापीठ एवं कामयाब मिशन के चेयरमैन पवन जैन, एसके जैन सोनीपत, एनके जैन दिल्ली से शामिल हुए मंच का संचालन मुकेश जैन ने किया जबकि जबकि जैन समाज के महान संतीगज्ञ रामकुमार भोपाल वालों ने सुर संगीत से वातावरण को भक्तिमय बनाया।
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