काबुलः अफगानिस्तान में महिलाएं नौकरी व समाज में समान अधिकारों के लिए जूझ रही हैं। इसके लिए आंदोलन भी हो रहे हैं। एक बार फिर महिलाओं ने नौकरियों की बहाली व समान सामाजिक अवसरों के लिए सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया। अफगानिस्तान की महिलाएं सरकारी नौकरियों में अपनी हिस्सेदारी को लेकर चिंतित हैं। स्वतंत्र प्रशासनिक सुधार व सिविल सेवा आयोग में अभी तक एक चौथाई से अधिक पद महिलाओं द्वारा भरे जाते थे। अब ये स्थितियां नहीं रह गयी हैं।
महिलाएं सरकारी विभागों में अपनी उपस्थिति व कामकाज के घटते अवसरों को लेकर खासी चिंतित हैं। इन स्थितियों के खिलाफ महिलाओं ने काबुल की सड़कों पर प्रदर्शन कर तालिबान से नौकरियों और समाज में समानता का अधिकार सुनिश्चित करने की मांग की। प्रदर्शनकारी महिलाएं तालिबान प्रशासन से महिलाओं को काम करने की अनुमति देने और महिलाओं के मामलों पर फैसलों में महिलाओं के सार्थक समावेश की मांग कर रही थीं। ये लोग महिला अधिकारों के लिए नीतियां बनाने व महिलाओं के कब्जे वाले पदों का संरक्षण सुनिश्चित करने की मांग कर रही थीं।
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प्रदर्शनकारी महिलाओं के लिए समाज में सुरक्षित वातावरण का निर्माण करने संबंधी नारे लगा रही थीं। इस मसले पर तालिबान के प्रवक्ता बिलाल करीमी ने कहा कि महिलाओं के कामकाज की स्थितियों का आकलन किया जा रहा है। आंकलन के बाद जिस विभाग में महिलाओं की जरूरत होगी वहां उन्हें मौका दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता के लिए भी अफगान सरकार को महिलाओं का समावेशी योगदान करना होगा।
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