नई दिल्ली: राजधानी में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां महिला ने अंधविश्वास के चलते दो महीने के नवजात का अपहरण कर लिया। पूछताछ में उसने बताया कि उसने ऐसा इसलिए किया ताकि वह नवजात की बलि देकर अपने पिता को पुनर्जीवित कर सके। पुलिस ने इसकी में सूचना मिलने के बाद कार्रवाई करते हुए 24 घंटे के भीतर नवजात को सकुशल बरामद कर लिया और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में घटनाक्रम का पता चला।
डीसीपी ईशा पांडे ने शनिवार को बताया कि गुरुवार शाम करीब चार बजे थाना अमर कॉलोनी में सूचना मिली कि गढ़ी क्षेत्र से करीब दो माह के मासूम को अज्ञात महिला ने अपहरण कर लिया है। इसके बाद अमर कॉलोनी थाने में आईपीसी की धारा 328/363 के तहत पुलिस मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई। साथ ही पुलिस अधिकारियों की देखरेख में एक टीम का भी गठन किया गया।
बच्चे की मां ने बताया कि अपहरणकर्ता महिला उससे सफदरजंग अस्पताल में मुलाकात की थी और खुद को जच्चा-बच्चा देखभाल के लिए काम करने वाले एनजीओ के सदस्य के रूप में बताया था।
कुछ दिनों बाद महिला उसके घर आई और अपनी मीठी में उलझाकर पीड़िता से नवजात को बाहर जाने के लिए उसे सौंपने को कहा। इसपर पीड़िता ने नवजात के साथ अपनी 21 वर्षीय भतीजी ऋतु को भी महिला के साथ भेजा। अपहरण करने वाली महिला ने रास्ते में ऋतु को कोल्ड ड्रिंक पिलाई जिससे वह बेहोश गई। इसके बाद अपहरण करने वाली महिला ने उसे गाजियाबाद में रास्ते फेंक दिया। जब कुछ देर बाद ऋतु को होश आया तब उसने परिवार को सारी घटना बताई और परिवार ने पुलिस को घटना की सूचना दी।
सूचना मिलने के बाद पुलिस ने इलाके के सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगालने शुरू किए लेकिन जब अपहरण करने वाली महिला के वाहन के नंबर के आधार पर पुलिस उसके पते पर पहुंची, तो वहां कोई नहीं मिला। इसी दौरान पुलिस को गुप्त सूचना मिली की नवजात का अपहरण करने वाली महिला आर्य समाज मंदिर, कोटला मुबारकपुर के पास आने वाली है। पुलिस ने सूचना के आधार पर उसे उक्त स्थान पर छापेमारी करते हुए गिरफ्तार कर लिया और नवजात को सही सलामत बरामद भी कर लिया। महिला की पहचान कोटला मुबारकपुर निवासी श्वेता (25) के रूप में हुई।
पूछताछ में अपहरणकर्ता श्वेता ने बताया कि अक्टूबर 2022 में उसके पिता की मृत्यु हो गई थी। उसे किसी ने बताया था कि नवजात शिशु की बलि देने से उसके पिता जीवित हो जाएंगे जिसके बाद वह नवजात लड़के की तलाश में जुट गई। इसी के लिए वह सफदरजंग अस्पताल गई और बताया कि वह एक एनजीओ के लिए काम करती है। बाद में उसने बच्चे की मां से जान-पहचान बढ़ाई और 10 नवंबर को नवजात का अपहरण कर लिया। पुलिस ने बताया कि आरोपित पर पहले से दो मामले दर्ज हैं। पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है।
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