नई दिल्लीः शारदीय नवरात्रि समाप्त होने के साथ ही मौसम ने करवट बदलना शुरू कर दिया है। प्राकृतिक हिसाब से चित्रा नक्षत्र में ठंड वैसे भी आ जाती है, अब सुबह और शाम में हल्की-हल्की गुलाबी ठंड महसूस भी होने लगी है। पिछले तीन-चार दिनों से सुबह का तापमान 20 से 22 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जा रहा है तथा आने वाले कुछ दिनों में और तेजी से नीचे जाएगा। वहीं सुबह-शाम ठंड और दिन में गर्मी पड़ने के कारण अस्पतालों में भीड़ बढ़ने लगती है। मौसम में बदलाव के चपेट में आने के बाद सर्दी, जुखाम, बुखार आदि की परेशानी काफी तेज हो जाती है। ऐसे में नवजातों, शिशुओं और बच्चों को विशेष देखभाल की जरूरत है, जिससे मौसमी बीमारियों से बचाव किया जा सके। इसके लिए परिवार के सभी सदस्यों को विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है।
मौसम के मिजाज में बदलाव होने पर रखें बच्चों और बुजुर्गो का रखें ख्याल
सुबह के समय ठंड और दोपहर के समय गर्मी लग रही है, जिससे लोगों को खासकर बच्चों और बुजुर्गों को बचना होगा। सुबह और शाम में ठंड महसूस हो रही है, इसलिए मौसम के बदलते मिजाज से बचाव को लेकर हर किसी को विशेष सतर्क रहने की जरूरत है। ऐसे में खासकर नवजात बच्चों का उचित देखभाल बेहद जरूरी है। बच्चे बदलते मौसम की चपेट में तुरंत आ जाते हैं और तरह-तरह के बीमारी से घिर जाते हैं। स्वास्थ्य के प्रति सजग होकर नवजात, वृद्ध और बीमार को इन तमाम परेशानियों से दूर रखा जा सकता है।
नवजात बच्चों का रखें खास ध्यान
नवजात के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए मां का दूध अमृत के समान होता है। इससे ना सिर्फ शारीरिक और मानसिक विकास ही होता है। नवजात की रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी पूर्व की अपेक्षा काफी मजबूत होती है और नवजात कई रोगों से लड़ने में सक्षम रहता है। खासकर संक्रामक बीमारी से भी दूर रहता है। इसलिए जन्म के बाद छह माह तक सिर्फ मां का दूध ही पिलाएं। बच्चों और शिशुओं को गर्म कपड़े पहनाएं, बदलते मौसम से बच्चों को बचाने को लिए हल्का गर्म और ऊनी कपड़े पहनाएं। इससे नवजात के शरीर का तापमान सामान्य रहेगा और ठंड से होने वाली परेशानी से दूर रहेगा। इसके अलावा वे साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें और नवजात का उचित देखभाल करते रहें। साफ-सफाई का ख्याल रखने से नवजात हर तरह की संक्रामक बीमारी से भी दूर रहेगा।
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साफ-सफाई का रखें विशेष ख्याल
साफ-सफाई का ख्याल रखने के लिए इस बात का ध्यान रखें कि जिस बिछावन पर नवजात को सुलाएं, वह पूरी तरह साफ हो। गंदा होने के साथ ही तुरंत बिछावन को बदल दें, गीला कपड़ा पर नवजात को नहीं सुलाएं। ठंड से होने वाली परेशानियों से दूर रखने के लिए सर्द हवाओं से बिलकुल दूर रखें और प्रतिदिन धूप लगाएं। इससे शरीर को उचित गर्माहट मिलेगी और वह ठंड से संबंधित परेशानी से दूर रहेगा। बच्चों के साथ ही बीमार, बुजुर्ग तथा खांसी से प्रभावित लोगों के प्रति विशेष सतर्कता बरतें। दवा समय पर दिया जाना चाहिए, डॉक्टरों द्वारा बताए गए सभी उपाय समय पर करने से इन्हें मौसम में बदलाव से होने वाली बीमारियों से काफी हद तक बचाया जा सकता है। इसके साथ ही कोरोना के सभी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए टीका लगवाने से सिर्फ कोरोना ही नहीं, अन्य संक्रामक बीमारी से बचाव किया जा सकता है।
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