Chhattisgarh: दो जनवरी से शुरू होगा शीतकालीन सत्र, इन मुद्दों पर सरकार को घेरेगी भाजपा

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रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र दो से छह जनवरी तक चलेगा। भाजपा ने चुनावी वर्ष में होने जा रहे इस सत्र में सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है। पांच दिनों तक चलने वाले इस सत्र में भाजपा हर दिन स्थगन लाने का निर्णय ले सकती है। भाजपा के मुख्य प्रवक्ता अजय चंद्राकर का कहना है कि कांग्रेस सरकार हर मोर्चे पर विफल है। सरकार से हर मुद्दे पर जवाब मांगा जाएगा। भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस ने जनघोषणा पत्र में नियमितीकरण का वादा किया था। चार वर्ष बीत गए, नियमितीकरण नहीं हो सका है। प्रदेश के सभी सरकारी विभागों, निगम-मंडलों में लगभग ढाई लाख कर्मचारी संविदा, दैनिक वेतन भोगी, ठेका, मानदेय और प्लेसमेंट के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। नियमितीकरण और अनुकंपा नियुक्ति को लेकर प्रदेश में लोग आंदोलनरत हैं।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने सत्र को लेकर कहा कि हमारी सरकार विपक्ष के हमलों का जवाब देने के लिए तैयार है।विपक्ष जो भी प्रस्ताव लाएगा, चाहे ध्यानाकर्षण हो, स्थगन हो, हर मुद्दों पर चर्चा करने के लिए हमारी सरकार तैयार है। मोहन मरकाम ने पत्रकारों से चर्चा में शीतकालीन सत्र को लेकर कहा कि सरकार ने अपनी प्रारंभिक तैयारी कर ली है। विपक्ष तार्किक ढंग से कोई मुद्दा रखता है, तो सरकार उस पर चर्चा करने के लिए हमेशा तैयार है। अगर भारतीय जनता पार्टी सदन से वॉकआउट करती है तो इसका मतलब साफ है, पार्टी अपनी तैयारी नहीं कर पाई है। हल्ला करके समय बर्बाद करना चाहती है।

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भाजपा विधायक दल की बैठक को लेकर उन्होंने कहा कि कोई सकारात्मक मुद्दे को लेकर सदन में चर्चा करें। विधानसभा के पवित्र सदन में सकारात्मक मुद्दे पर चर्चा होती है। छत्तीसगढ़ की जनता के हितों पर चर्चा होती है. सिर्फ हंगामा करने से कोई विकल्प नहीं होता। अगर चर्चा-परिचर्चा में कोई मुद्दे होती है तो सरकार उस पर जरूर विचार करती है। वहीं आरक्षण के मुद्दे पर हुई सर्व समाज की बैठक को लेकर मोहन मरकाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ के 70 से अधिक समाज को हमने पत्र लिखा था, और अधिकतर समाज के लोग आए थे। कई लोगों से टेलीफोन पर भी चर्चा हुई है। उन्होंने समर्थन देने की बात कही है। उन्होंने बताया कि सतनामी समाज ने आरक्षण को लेकर सुझाव दिया है। उनकी बात सरकार के पास रखते हुए निराकरण के लिए मुख्यमंत्री से निवेदन करेंगे। 3 जनवरी को होने वाली जन अधिकार रैली को लेकर मरकाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता के हक और अधिकार देने का ऐतिहासिक फैसला 1 और 2 तारीख को विधानसभा में पास किया गया,आज 32 दिन हो रहे हैं, अभी तक दस्तखत नहीं हुआ है।

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