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युवा वैज्ञानिकों के सपनों को नहीं लग सकेंगे पंख

लखनऊः प्रदेश के हजारों प्रतिभावान छात्रों के सपनों को अब पंख नही लग सकेंगे। 2 साल पहले 2016 में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् द्वारा छात्रों को वैज्ञानिक बनाने के लिए शुरू की गई उत्तर प्रदेश प्रतिभा खोज प्रतियोगिता (यूपीएसटीएसई) स्कॉलरशिप योजना को बंद कर दिया गया है। जिसके बाद अब वैज्ञानिक बनकर देश की सेवा करने का सपना संजोने वाले छात्र मन ही मन सरकार को कोस रहे हैं। जिम्मेदारों ने इस छात्रवृत्ति योजना में धांधली का हवाला देकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली है।

दरअसल, इस योजना के तहत हर साल छात्रवृत्ति के लिए प्रतियोगिता होनी थी, जिसमें चयनित कुल एक हजार छात्र-छात्राओं को परास्नातक तक प्रति माह छात्रवृत्ति दी जानी थी। जिससे वह व्यावसायिक शिक्षा की तरफ न जाकर बेसिक साइंस में कॅरियर बना सकें। 2016 से दो वर्ष लगातार परीक्षा आयोजित की गई। चयनित छात्र छात्राओं को स्कॉलरशिप भी दी गई। इसके बाद योजना पर सवाल खड़े होने पर इसे बंद कर दिया गया। करियर बनाने, वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए इस धनराशि को स्काॅलरशिप बताकर मेधावियों में बांटा जाता था। आखिर ऐसा क्या हो गया कि उत्तर प्रदेश प्रतिभा खोज प्रतियोगिता स्कॉलरशिप रोक दी गई है। इससे मेधावियों के सपने धरे के धरे रह गए। अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की व्यवस्था केंद्र सरकार ने दे रखी है। साथ ही अधिकारी कह रहे हैं कि स्कालरशिप को लेकर गड़बड़ियां सामने आ रही थीं। ऐसा जांच में भी पाया गया।

केंद्र सरकार ने दे रखी है व्यवस्था

योजना के तहत हर साल छात्रवृत्ति के लिए प्रतियोगिता होती थी। इसमें चयनित कुल एक हजार छात्र-छात्राओं को परास्नातक तक प्रति माह छात्रवृत्ति दी जानी थी। इससे वह व्यावसायिक शिक्षा की तरफ न जाकर बेसिक साइंस में कॅरियर बना सकें। 2016 से दो वर्ष लगातार परीक्षा आयोजित की गई। यूपी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के निदेशक वेदपति मिश्र ने बयान जारी किया है कि योजना को लेकर कुछ सवाल उठे थे। इसलिए शासन स्तर पर एक कमेटी गठित की गई थी। इसी ने यह सिफारिश दी थी कि फिलहाल इस प्रतियोगिता को रोक देना चाहिए। यह भी विचार किया गया कि जब केंद्र सरकार राष्ट्रीय प्रतिभा खोज प्रतियोगिता देश भर में कराता है तो उसी में चयनित छात्र एवं छात्राओं को प्रोत्साहित किया जाए। इससे प्रदेश में अलग से प्रतियोगिता कराने का खर्च भी बचेगा और गड़बड़ी की आशंका भी समाप्त हो जाएगी।

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छात्रवृत्ति वापसी मुमकिन नहीं

परिषद के निदेशक ने बताया कि अभी अंतिम निर्णय लिया जाना बाकी है। प्रतियोगिता रोके जाने के संदर्भ में कहा कि आयोजन को लेकर कुछ शिकायतें थीं। कुछ बच्चों को छात्रवृत्ति दी जा चुकी थी, जिसे वापस लेना मुमकिन नहीं था। भविष्य में योजना के संचालन को रोकने का निर्णय लिया गया है।